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स्मैक, गांजा और कोरेक्स पूर्ण तरह से पसार चुका है पांव

शाम ढलते ही कई गांवों में लगता है नशेड़ियों का जमघट

बसंत कुमार चौधरी

नवगछिया। बिहार में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के वर्षों बाद भी नवगछिया पुलिस जिले में शराब का कारोबार नही थम रहा है। आज भी गांव-गांव में देशी-विदेशी शराब का कारोबार निरंतर चल रहा है। वही शराब के अलावे स्मैक, गाजा और कोरेक्स सभी थाना क्षेत्र में पूर्ण रूप से पांव पसार चुका है। शाम ढलते ही कई गांवों में नशेड़ियों और स्मैकरों का सरकारी भवनों एवं मैदानों में जमघट लग जाता है। यहां (शराब-स्मैक-गांजा-कोरेक्स) का यह कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। दर्जनों गांवों में शराब चुलाई जा रही है। नशे के सौदागरों, शराब माफियाओं औऱ नशेड़ियों पर शराबबंदी का कोई खास असर नही दिख़ रहा है। बरामदगी, गिरफ्तारी, जेल, जमानत व कुछ दिन तक हाय तौबा और फिर से वही पुरानी चाल चलन।

नवगछिया पुलिस जिलांतर्गत भवानीपुर थाना क्षेत्र के मधुरापुर बाजार के दर्जनों लोगों ने बताया कि शराबबंदी का असर हर लोगों को भाने लगा था लेकिन, कुछ समय बाद ही प्रशासनिक लापरवाही के कारण बेअसर दिखने लगा। बता दें कि नवगछिया पुलिस शराब कारोबारी व पियक्कड़ों को पकड़ने के लिए दिनरात अभियान चलाकर सघन छापेमारी भी कर रही है लेकिन पुलिस की लगातार कार्यवाई के बावजूद भी नशे के सामान हर गांव में आसानी से उपलब्ध हो रहा है। वही शराब के अलावे स्मैक, गांजा और कोरेक्स जैसे घातक नशा अपना पूर्ण पांव पसार चुका है। विभिन्न थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार पियक्कड़ व बरामद देशी-विदेशी शराब इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि क्षेत्र में शराब उपलब्ध है, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां शराब माफिया का नेटवर्क कितना मजबूती से कार्यरत है।

छोटभैया शराब कारोबारी की होती है गिरफ्तारी

बड़ा शराब माफिया आज भी पुलिस पकड़ से है कोसों दूर

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पुलिस द्वारा शराब के विरुद्ध जारी कार्यवाई सिर्फ एक दिखावा या खानापूर्ति है। यहां सिर्फ छोटभैये शराब कारोबारी की गिरफ्तारी होती है। जिसे 01 से 10 लीटर तक देशी-विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया जाता है। वही बड़े शराब कारोबारी जो ट्रकों व ट्रेनों से शराब की बड़ी खेप लाते हैं, वह आज भी पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है। ऐसे बड़े शराब कारोबारी अपना नेटबर्क इतना मजबूत बनाकर रखे हैं कि अपने आसपास कई जगहों पर छोटभैये शराब कारोबारी को थोड़ा-थोड़ा शराब खपाने के लिए देते है। ऐसे बड़े शराब कारोबारी क्षेत्र के प्रतिष्ठित प्रबुद्धजन कहलाते है और कुछ जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय पुलिस थाना में पुलिस कर्मियों के साथ उठते बैठते है। जिससे उन्हें कानून और पुलिस का जरा भी भय नही लगता है और बिना किसी भय के काला कारोबार करते हैं।

पुलिस के बीच छुपकर बैठे हैं शराब माफियाओं के मजबूत तंत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के बीच कुछ ऐसे लोग है जो शराब माफियाओं के लिए मजबूत तंत्र के तरह कार्य करते हैं। ऐसे लोग पुलिस के साथ चाय-नाश्ता और किसी आयोजन पर साथ मे जश्न मनाते देखे जाते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि थाना में सरकारी चालक का अभाव है, जिस कारण थाना अध्यक्ष क्षेत्र के निजी चालक को थाना का वाहन चलाने के लिए रखते हैं। ये निजी चालक क्षेत्र में शराब कारोबारियों को पुलिस से रक्षा और सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके लिए निजी चालक प्रति माह मोटी रकम शराब माफियाओं से वशूल लेते हैं। वही आम लोगों द्वारा जब शराब के धंधेबाजों का विरोध किया जाता है तो मारपीट व अन्य घटनाएं कर मुह बंद कर देते है। वही महाल के कई चौकीदार भी शराब माफिया से सांठगांठ रखते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार चाहे जितना हवा बांध ले, शराबबंदी पर जब तक सख्त कानून व पुलिस की मंशा साफ नहीं होगी। तब तक पूर्ण शराबबंदी संभव ही नहीं है।

ट्रेन से गिराई जाती है शराब की बोरियां और पैकेट

बता दें कि भवानीपुर थाना क्षेत्र में ट्रेन व सड़क मार्ग से विदेशी शराब लाई जाती है। शराब माफिया पुलिस को चकमा देकर बलाहा रेलवे सम्पार, मौजमाबाद रेलवे स्लूइस गेट, लखना मोड़, चौहद्दी के समीप शराब की बोरियां ट्रेन से नीचे गिरा देते हैं। वही नीचे में पूर्व से तैनात उसके सहयोगी शराब को बड़ी आसानी से बाइक पर लोड कर घर लेकर चले जाते हैं।

मधुरापुर बाजार में कई मेडिकल स्टोर, कोल्ड्रिंक्स व किराना दुकानों में मिल रहा है विदेशी शराब

ज्ञात हो कि मधुरापुर बाजार में कई मेडिकल स्टोर, कोल्डड्रिंक्स व किराना दुकानों में विदेशी शराब, स्मैक व कोरेक्स का भंडारण कर बेचा जा रहा है। वही शाहपुर चौहद्दी में कई बड़े गांजा कारोबारी गाजा की थोक दुकान खोलकर खुलेआम स्मैक, गांजा और कोरेक्स बेच रहा है। इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी है। बावजूद गंभीरता से नहीं लेती है। वर्तमान में पुलिस की निष्क्रियता के कारण कुछ लोग शराब धंधा को रोजगार समझ रखा है। होम डिलेवरी का कारोबार भी चल रहा है। बाजार के कई स्थानों पर अंग्रेजी शराब एवं झारखंड के पाउच की होम डिलेवरी हो रही है। इसी तरह बिहपुर, झंडापुर, ख़रीक, नवगछिया, गोपालपुर थाना क्षेत्र के समेत कई गांवों यह धंधा बखूबी फल फूल रहा है।

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