


भागलपुर के समीक्षा भवन में जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में वन प्रमंडल भागलपुर की जिला टॉस्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी ने आरा मिल के संबंध में जानकारी दी कि बिहार में 2720 आरा मिल सूचीबद्ध हो चुके हैं, जिनमें से 49 आरा मिल भागलपुर जिले में सूचीबद्ध हैं। फिलहाल, नए आरा मिल को अनुज्ञप्ति नहीं मिल रही है। जिलाधिकारी ने जिले में सर्वे कराने का निर्देश दिया ताकि यह पता चल सके कि कितने आरा मिल बिना अनुज्ञप्ति के चल रहे हैं। उन्होंने वन विभाग को सूचना तंत्र को मजबूत करने का भी निर्देश दिया।
वन प्रमंडल पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बताया कि बढ़ई को 18 इंच और 12 इंच की लकड़ी पर काम करने की छूट दी गई है। जिलाधिकारी ने वन विभाग के मार्गदर्शन का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने का निर्देश दिया, ताकि आम लोग इस प्रावधान को जान सकें।

नीलगाय और घोरप्रास के संबंध में बताया गया कि भागलपुर के चार-पाँच पंचायतों के मुखिया लगातार संपर्क करते हैं कि उनके यहां नीलगाय फसल को नुकसान पहुँचा रही है। उन्हें यह बताया गया कि प्रशिक्षित निशानेबाज से नीलगाय को मारने का अधिकार मुखिया को प्रदत्त है। प्रशिक्षित निशानेबाजों की सूची, जिसमें उनके नाम और मोबाइल नंबर शामिल हैं, मुखियाओं को उपलब्ध कराई गई है। जिलाधिकारी ने उन मुखियाओं के साथ बैठक कर इसे क्रियान्वित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि निशानेबाजों को बुलाकर संबंधित मुखियाओं को मुहैया कराया जाए।

आद्र भूमि के संबंध में बताया गया कि भागलपुर में कोई भी आद्र भूमि अधिसूचित नहीं है, लेकिन 143 आद्र भूमि की डेटा मौजूद है। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी के साथ बैठक कर आद्र भूमि की सूची प्राप्त करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी बताया गया कि लाजपत पार्क वन प्रमंडल का है, जिसे वन प्रमंडल के अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए। जिलाधिकारी ने नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रदूषण नियंत्रण के सहायक वैज्ञानिक ने बताया कि आरा मिल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी होगी, क्योंकि यह ग्रीन कैटेगरी में आता है।
बैठक में संयुक्त निदेशक जनसंपर्क, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय और संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
