


भागलपुर: बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एईएस (चमकी बुखार) से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में बिहार के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी, सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के दौरान यह बताया गया कि भागलपुर में अभी तक चमकी बुखार का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, 0 से 06 वर्ष तक के बच्चों में अप्रैल और मई माह के दौरान चमकी बुखार का खतरा रहता है, खासकर मुजफ्फरपुर और तिरहुत प्रमंडल के जिलों में। इस बीमारी के मुख्य कारणों में अचानक ग्लूकोज की कमी को बताया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को प्रतिदिन रात में हलवा, खीर जैसे मीठे आहार खिलाने का सुझाव दिया है। यदि बच्चे में सुस्ती या बेहोशी के लक्षण दिखें, तो उन्हें तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने की सलाह दी गई है।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक और सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि इमरजेंसी में लाया जाए, तो उन्हें रेफर करने के बजाय उनका प्राथमिक उपचार किया जाए। इस कदम से मरीज का जीवन बचाने में मदद मिल सकती है।

साथ ही, जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत क्वेक चिकित्सकों को अनौपचारिक प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया, ताकि आपातकालीन स्थिति में वे बेहतर सहायता प्रदान कर सकें, जैसा कि कोरोना काल में देखा गया था।