5
(1)

नवगछिया। नवगछिया अनुमंडल से एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जहां अब बिहार सरकार की भूमि भी अवैध तरीके से रजिस्ट्री कर दी जा रही है। यह मामला खरीक प्रखंड के गोटखरीक पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 13 का है, जहां चार पीढ़ियों से 70 से 80 महादलित परिवार बिहार सरकार की जमीन पर झोपड़ी व खपरैल के घर बनाकर रहते आ रहे हैं।

लेकिन अब जिस भूमि पर ये परिवार बसे हुए हैं—खाता संख्या 3408 एवं खेसरा संख्या 3409—वह भूमि सरकार की नहीं रह गई है। जनवरी 2024 में जब खरीक अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी निशांत कुमार से सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया था कि यह भूमि “अनाबाद बिहार सरकार” के नाम पर दर्ज है।

परंतु आश्चर्यजनक रूप से अक्टूबर 2024 में यही भूमि किसी अन्य व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्री कर दी गई और उसकी जमाबंदी भी करा दी गई। मिली जानकारी के अनुसार, यह भूमि वार्ड संख्या 13 के ही निवासी कर्णदेव सिंह के नाम से रजिस्टर्ड की गई है।

अब सवाल यह उठता है कि यह इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हुआ? इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी, अंचल कार्यालय के कर्मचारी एवं पदाधिकारी की मिलीभगत सामने आ रही है। क्या सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से ही बिहार सरकार की जमीन किसी व्यक्ति विशेष को रजिस्ट्री कर दी गई?

इस अवैध रजिस्ट्री के बाद अब इन महादलित परिवारों को यहां से हटाने की तैयारी की जा रही है, जिससे उन्हें अपने ही बसे-बसाए घरों से बेघर होने का डर सताने लगा है।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार सरकार की जमीन फर्जी तरीके से बेची गई हो। बावजूद इसके, सरकार इस पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है, यह बड़ा सवाल है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस गंभीर मामले में क्या संज्ञान लेती है—या फिर ऐसे ही फर्जीवाड़े चलते रहेंगे और सरकार की जमीनें यूं ही बिकती रहेंगी?

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: