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38 महीने का बकाया मानदेय भुगतान कर, रोजगार से जोड़ने की मांग को लेकर संघ ने मुख्यमंत्री को दिया आवेदन

ढोलबज्जा : साक्षर भारत मिशन के तहत, संविदा के आधार पर कार्यरत जिले भर में 242 पंचायतो के करीब 500 प्रेरक व समन्वयकों को 38 महीने का बिना मानदेय भुगतान के हीं हटा दिए जाने पर वह बेरोजगार हो गए हैं. साक्षर भारत मिशन जिला प्रेरक व समन्वयक संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी को लिखित आवेदन देते हुए सभी प्रेरक व समन्वयकों को बकाया राशि का भुगतान कर पुनः रोजगार से जोड़ने की मांग किया है. मांग पत्र में कहा है कि- केंद्र प्रायोजित साक्षर भारत मिशन के तहत 2011 में राज्य सरकार के द्वारा बिहार के सभी पंचायतों में एक पुरुष व एक महिला प्रेरक एवं प्रखंडों में दो समन्वयकों का चयन संविदा के आधार पर अनुमोदित आरक्षण रोस्टर पर किया गया था. जिसके बाबजूद सभी को अल्प मानदेय का भुगतान अनियमित ढंग से होता रहा. अभी भी 38 माह का मानदेय लंबित है जो, राशि कार्यालय संवर्धन को नहीं मिला है और सभी प्रेरक व समन्वयकों को 2018 में हीं हटा दिए गए हैं. भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय एवं साक्षरता विभाग एन एल एम-3 अनुभाग द्वारा निर्गत पत्रांक संख्या- 19/1//2020 व 13/10/2020 में अवर सचिव ने स्पष्ट बताया है कि- प्रेरकों की नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका है. जिसमें भारत सरकार की कोई हस्तक्षेप नहीं है. राज्य सरकार को संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान हो गया है. फिर किस परिस्थितियों में जिला में मानदेय राशि की कटौती कर भुक्तान नहीं किया गया है. जबकि प्रेरकों द्वारा बिहार सरकार के कार्यक्रम- शराब बंदी, मानव श्रृंखला, मतदाता जागरूकता, स्वच्छता, जनगणना, पशु गणना व महिला सशक्तिकरण में बेहतर कार्य किया गया है. संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने राज्य सरकार से हटाए गए प्रेरक व समन्वयकों को पुनः रोजगार देते हुए अन्य विभागों में समायोजन कराने साथ हीं लंबित मानदेय कार्यालय संवर्धन में जल्द उपलब्ध कराने की मांग किया है.

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