जलकर की मछली से होती थी काली कमाई
घुड़सवार गिरोह का है है सरगना
नारायणपुर से राजेश भारती की रिपोर्ट
नारायणपुर : शबनम उर्फ सवना कोसी दियारा का आतंक था।इसके नाम से किसान डरता था। सवना घुड़सवार गिरोह का सरगना है।इसका कोसी दियारा में हुकूमत चलता है।करीब पाँच सौ बीघा जमीन पर अवैध कब्जा है। इस जमीन से काला सोना कलाई उपजा कर अपनी हुकूमत चलाया करता था। जो किसान अपनी जमीन पर कब्जा करने जाता था उसे बैरंग वापस लौटना होता था।यानि कोसी से बाहर निकलने वाली जमीन पर केवल सवना का राज था। किसानों की खेत औऱ जलकर की कमाई से अकूत संपत्ति जमा कर लिया था।पुलिस की दबिश बढ़ने पर इसने कोसी दियारा के बरी खाल गाँव में शरण लिया था।जहाँ इसने अपना एकक्षत्र राज कायम कर लिया था। कोसी दियारा में इसकी इतनी हुकूमत चलता था की इनकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता था।कोई भी किसान या मछुवारा इसका आदेश मानने से इनकार नहीं।करता था।किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करके उसपर फसल बुआई करता था।कलाई की फसल लगने के बाद उसे जो किसान घर ले जाता था उसे लेवी देना पड़ता था।सवना ने अपना सुरक्षित ठिकाना बरी खाल को बना लिया था। बरी खाल में रात्रि में यह रोज अपने सोना का ठिकाना बदलता था।कहाँ सोएगा,कब किससे मिलेगा यह किसी को पता नहीं था।कहीं जाने से।पूर्व अपने जासूस को पहले वहाँ भेजता था। जासूस द्वारा ग्रीन सिग्नल देने पर वह वहाँ पहुंचता था।नारायणपुर से लेकर खरीक ले कोसी क्षेत्र में खेती की जमीन पर उसकी हुकूमत थी। गरैया, बैनाडीह, सिरखंडी, सरनाहा, निरमाचक, इलाके में अपना वर्चस्व कायम कर लिया था।नारायणपुर अपने घर कभी कभी आया करता था।