पटना : एक तरफ बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर कोरोना पॉजिटिव मरीज को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लेकिन, कोरोना संक्रमित मरीज ने भी कमाल कर दिया है। दरअसल, सासाराम के जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज में 11 जुलाई को एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना दी गई, लेकिन फिर भी युवक को आइसोलेशन केंद्र में नहीं रखा गया। खुद को भर्ती करने के लिए कोरोना पॉजिटिव युवक पिछले 4 दिनों से सासाराम से लेकर अपने गांव तक चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया जा रहा था।
गांव से सासाराम तक रोज चक्कर लगाते-लगाते परेशान युवक पीएससी करगहर में ही आकर घूमने लगा और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को छूने की कोशिश करने लगा और इसके साथ ही अस्पताल परिसर के पर्दे, बेड तथा अन्य सामानों को छूने लगा और कहने लगा कि जब तक उसे आइसोलेशन में नहीं रखा जाएगा, वह पूरे परिसर में घूम-घूम कर कोरोना फैला देगा।
इतना ही नहीं वह आम मरीजों को भी डराने लगा और कहने लगा कि मुझे कोरोना हुआ है, अगर मुझे जल्दी से जल्दी एंबुलेंस से किसी बड़े अस्पताल में इलाज के लिए नहीं भेजा गया तो वह सबको छूकर कोरोना पॉजिटिव कर देगा। युवक का गुस्सा देखकर आनन-फानन में पीएचसी प्रभारी द्वारा एंबुलेंस मंगवाया गया और उसे सासाराम सदर अस्पताल भेजा गया।
इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ केंद्र करगहर के प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि जैसे ही युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली, वैसे ही इसकी सूचना मुख्यालय को दे दी गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं किया जा सका। बाद में मरीज को स्पेशल एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेज दिया गया है।
बताया जाता है कि करगहर के करवर का रहने वाला युवक पटना में रहकर एक निजी कंपनी में काम करता था। जब उसमें करोना का लक्षण दिखा तो वह अपने गांव आ गया और सासाराम जाकर सदर अस्पताल में संपर्क किया। वहां इसका सैंपल लेकर जमुहार एनएमसीएच में कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया, जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर भी उसे आइसोलेशन में नहीं रखा जा रहा था।