0
(0)

नए प्रभारी डॉ. वरुण को दी जिम्मेदारी, तो एक ही बैठक में खुली पोल, तत्काल सिविल सर्जन ने हटाया

-बरसों से डटा लेखापाल अमित कुमार तबादले के बाद भी नहीं गया सुल्तानगंज

  • सन्हौला के लेखापाल को जॉइन तक नहीं करने दिया
  • रोगी कल्याण के पैसे से दौड़ने वाली दोनों गाड़ियों के लॉगबुक तक नहीं मिले

नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला जा रहा है। करीब पौने दो साल से डटे अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ. अरुण कुमार सिन्हा को विभाग ने 28 दिसंबर 2020 को पद से हटाया। नई जिम्मेदारी डॉ. वरुण कुमार को दी। डॉ. वरुण ने 2 जनवरी को पद संभाला और 4 जनवरी को ही जब बैठक की तो बड़े घपले का खुलासा हो गया। एक लेखापाल बिना किसी आदेश के ही डेढ़ साल से अस्पताल में डटा मिला। लेखापाल का दफ्तर भी बरसों से बंद मिला। रोगी कल्याण के पैसे से दौड़ रही दो गाड़ियों का भी हिसाब नहीं दिया गया। भ्रष्टाचार की परत अभी खुल ही रही थी, कि अफसरों तत्काल ही डॉ. वरुण को प्रभारी के पद से हटा दिया। अब फिर से अस्पताल की कमान डॉ. अरुण सिन्हा के हाथ है। भ्रष्टाचार पर फिर से विभाग ने कागजी चादरपोशी कर दी है। विभागीय इस भ्र्ष्टाचार के बीच सवाल यह भी है कि आखिर, जनता के खून पसीने की कमाई लुटाने वालों पर कोई कार्रवाई भी होगी या लूट का खेल चलता रहेगा।

पूरा घटनाक्रम ऐसे समझें

  1. 29 जून 2020: जिला स्वास्थ्य समिति ने पटना के पत्र संख्या 5789/ 04/09/2015 के आदेश पर जिले में 9 लेखापालों का तबादला किया। जिला स्वास्थ्य समिति ने 29 जून 2020 को अपने पत्र संख्या 1082 से सन्हौला पीएचसी के लेखापाल धीरेंद्र कुमार को नवगछिया पीएचसी जाने का हुक्म दिया।
  2. 29 जून 2020: जिला स्वास्थ्य समिति ने इसी दिन अपने पत्र संख्या 1081 से नवगछिया अस्पताल के लेखपाल अमित कुमार को रेफरल अस्पताल सुल्तानगंज भी जाने का आदेश जारी किया।
  3. नवगछिया ने नहीं गया अमित: इस आदेश के बाद भी लेखापाल ममित ने पद नहीं छोड़ा। वह नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के साथ नवगछिया पीएचसी में भी काम देखता रहा। नतीजा, जब धीरेंद्र सन्हौला से नवगछिया जॉइन करने आया तो उसे खाली जगह नहीं मिली। वह वापस सन्हौला जाने को विवश हो गया।
  4. 4 जनवरी 2021: इस बीच जिला स्वास्थ्य समिति ने 28 दिसंबर 2020 को पत्र संख्या 4180 से नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ. अरुण सिन्हा को हटाकर डॉ. वरुण कुमार को जिम्मेदारी दी दी। डॉ. वरुण ने 2 जनवरी 2021 को पद संभाल लिया। उन्होंने पहली बैठक 4 जनवरी को अस्पताल में की।
  5. खुला भ्रष्टाचार तो तत्काल पद से हटाया: इसी बैठक में उन्होंने सभी कर्मचारियों के काम पूछे और जरूरी दस्तावेज मांगे तो अस्पताल में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा हो गया। भ्रष्टाचार खुलते ही विभाग ने तत्काल उन्हें भागलपुर बुलाया। यहां आते ही उन्हें पद से हटाए जाने का पत्र थमा दिया गया। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह के हस्ताक्षर किए पत्र संख्या 27 में उन्हें अनुमंडल अस्पताल नवगछिया के प्रभारी के पद से मुक्त कर फिर से डॉ. अरुण सिन्हा को प्रभारी बना दिया गया।

अस्पताल की बैठक में इस सवालों के नहीं मिले थे जवाब, सामने आया था भ्रष्टाचार

  1. लेखापाल का कमरा कई बरसों से बंद था। इसे खोलने को कहा था। लेखपाल इसका कोई जवाब नहीं दे सका।
  2. लेखापाल अमित कुमार से उन्होंने प्रतिनियुक्ति के पत्र मांगे। साथ ही यह भी पूछा कि पीएचसी और अनुमंडल अस्पताल के लेखापाल का पद जिस आधार पर वे संभाल रहे हैं, उसका पत्र दिखाएं। लेखापाल यह भी नहीं दिखा सका।
  3. आशा घर बनाने से जुड़े दस्तावेज भी तीन दिन में मांगे। इससे जुड़े सवालों के जवाब भी उन्हें नहीं मिले।
  4. अस्पताल में कोल्ड रूम, कुर्सी, साफ पानी, पानी फ़िल्टर और सभागार में बिजली वायरिंग के लिए कहा।
  5. रोगी कल्याण समिति से चल रही दो गाड़ियों के लॉगबुक, एग्रीमेंट के कागज मांगे, इनमें कुछ नहीं मिला।
  6. आशा का लॉगबुक कई साल से मेन्टेन नहीं किया गया। इसकी जानकारी भी नहीं दी गई।

मैं स्तब्ध हूँ कि प्रभार लेकर तुरंत हटा दिया गया। समझ नहीं आ रहा कि किन परिस्थितियों में मुझे जिम्मेदारी दी और फिर हटाया। व्यवस्था सुधारने की मैं कोशिश कर रहा था। कुछ लोग नहीं चाहते थे। कोई साज़िश हुई है।

  • डॉ. वरुण कुमार, पूर्व प्रभारी, अनुमंडल अस्पताल, नवगछिया

तटेक्निकल प्रॉब्लम हो गया था। इसलिए हटाया था। देखते हैं एक-दो दिन देखते हैं क्या हो सकता है।

  • डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: