भागलपुर जिले के कोरोना मरीजों का इलाज अब ट्रेन के कोचों में होगा। राज्य सरकार ने मालदा मंडल को दो दर्जन आइसोलेशन कोच बनाने कहा है। भागलपुर कोचिंग रेलवे यार्ड में इसके लिए मंडल कार्यालय से निर्देश आया है। गुरुवार की सुबह तक मालदा और दूसरे रेल मंडल से ट्रेनों के कोच भागलपुर पहुंचा। 20 जुलाई तक हर हाल में आइसोलेशन कोच (कोविड-19) तैयार करना है। यह जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की देखरेख में होगा। दरअसल, जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 12 सौ के करीब पहुंच गया है। अभी जिले में टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज और जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का इलाज हो रहा है। इधर, लगातार संख्या में बढ़ोतरी के कारण राज्य सरकार ने रेलवे से मदद मांगी है।
20 सामान्य कोच मरीज और चार एसी कोच डॉक्टरों के लिए
मरीज और चिकित्सकों के लिए 24 आइसोलेशन कोच बनाए जाएंगे। इनमें 20 कोच में कोरोना संक्रमितों का इलाज होगा। वही, चार एसी कोच चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रहेंगे। अभी कुछ कोच रेलवे यार्ड में हैं। वहीं, करीब 15 कोच देर रात या सुबह तक पहुंच जाएंगे।
प्लेटफॉर्म नहीं, यार्ड में लगेंगे आइसोलेशन कोच
आइसोलेशन कोच प्लेटफार्म पर नहीं लगेंगे। इन्हें रेलवे यार्ड की पीट लाइन में खड़ा किया जाएगा। यार्ड में वाहनों के आने जाने के लिए रास्ता बड़ा है। इस कारण स्वास्थ्य कर्मियों को परेशानी नहीं होगी। जिला स्वास्थ्य की टीम ने प्लेटफार्म पर आइसोलेशन कोच खड़ा करने की सहमति नहीं दी है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि प्लेटफार्म पर आइसोलेशन कोच रहने से दिक्कत होगी, यार्ड ठीक रहेगा।
एक कोच में आठ से नौ केबिन, इस तरह होगी सुविधा
आइसोलेशन कोच (आइसीएफ) पुराने कोच को बनाए जाएंगे। एक कोच में छह से आठ मरीजों के बेड बनाए गए हैं। इसके अलावा डॉक्टर और स्टाफ के लिए अलग से व्यवस्था होगी। दोनों टॉयलेट को हटाकर एक बाथरूम बनाया जाएगा। मक्खी और मच्छर से बचाव के लिए दरवाजे और खिड़कियों में जाली लगाई जाएगी। प्रत्येक केबिन में मोटा पर्दा लगा रहेगा। प्लास्टिक कवर से केबिन को पूरी तरह पैक किया गया है। बेड पर रेलवे की सफेद और साफ चादर और तकिये होंगे। शौचालय को बेहतर लुक दिया जाएगा। लॉकडाउन के पहले फेज अप्रैल में भी रेलवे की ओर से डेढ़ दर्जन कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था।