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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कोरोना सैंपल जांच की क्षमता प्रतिदिन 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने की आवश्यकता जताई है। गुरुवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ राज्य में कोविड-19 की स्थिति और इससे बचाव की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सैंपल टेस्ट की क्षमता को तेजी से बढ़ाने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे मरीज जिनमें कोरोना संक्रमण के स्पष्ट लक्षण हैं या जो हाई रिस्क काॅन्टैक्ट वाले हैं, वे किसी भी चिन्हित जगह पर जाकर अपनी जांच करा सकें, ऐसी व्यवस्था की जाए। इसके लिए चिन्हित जगहों पर एंटीजन टेस्ट की भी व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अन्य अस्पतालों को चिन्हित कर वहां जांच और इलाज की व्यवस्था की जाए। उपलब्ध सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जाए। ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाकर अस्पतालों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से राज्य का रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इससे डरने की कोई बात नहीं है। कोरोना संक्रमित लगातार स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने के साथ-साथ मास्क का प्रयोग जरूर करें।

बोले अनुपम- पीएचसी के डॉक्टरों की होगी ट्रेनिंग, ये होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को देंगे सलाह

आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का तौर तरीका बताने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वे गुरुवार को मीडिया से मुखातिब थे। आईपीआरडी सचिव ने बताया कि पीएचसी पर तैनात डॉक्टरों की ट्रेनिंग जल्द होगी। संक्रमित मरीजों के होम आइसोलेशन की व्यवस्था को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। ट्रेनिंग के बाद डॉक्टर मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का तौर-तरीका बताएंगे। ईएसआई हॉस्पिटल समेत कई अन्य स्थानों पर भी आइसोलेशन की व्यवस्था की जा रही है।

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