नवगछिया के गोपालपुर प्रखंड के मकंदपुर निवासी कोरोना के संदिग्ध रोगी सरयुग भगत की मौत शनिवार सुबह हो गयी. मौत के बाद कोरोना के भय से कोई भी उनके शव में सटने को भी तैयार न हुआ. जिसके कारण सुबह से शाम तक शव को दाह संस्कार के लिये गंगा घाट नहीं ले जाया जा सका. देर शाम नवगछिया के समाज सेवियों के पहल पर एक निजी वाहन उपलब्ध कराया गया फिर अपने पिता के शव को लेकर पुत्र अकेले शवदाहगृह पहुंचा.
देर रात शव का दाह संस्कार किया गया. जानकारी मिली है कि सरयुग प्रसाद वर्षा में भींग गए थे जसके बाद उन्हें सर्दी खांसी जुकाम की शिकायत थी. इस कारण उन्होंने 15 जुलाई को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में जांच के लिए सैंपल दिया था. जांच रिपोर्ट अभी आई नहीं थी कि शनिवार की सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु होते ही आसपास के लोगों ने शव में सटने से मना कर दिया. इसके बाद एंबुलेंस या फिर किसी निजी वाहन से दाह संस्कार के लिए शमशान ले जाने योजना बनाई गई लेकिन कोई भी एंबुलेंस या वाहन सबको लेकर शमशान तक जाने को तैयार नहीं था.
मृतक के परिजन मदद के लिए गोपालपुर पीएससी गए तो वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ सुधांशु कुमार ने परिजनों को पांच पीपीई किट उपलब्ध करवाया. डॉ कुमार ने परिजनों से कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रावधान के अनुसार वे मृतक के दाह संस्कार के लिए 5 किट ही उपलब्ध करवा सकते हैं. मृतक के परिजनों ने इसके बाद आसपास के चार पांच लोगों को इकट्ठा तो कर लिया लेकिन सब को ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम नहीं हो पा रहा था. फिर परिजनों ने नवगछिया अनुमंडल अस्पताल से संपर्क साधा तो यहां पर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि नवगछिया अस्पताल से शव को शमशान तक भेजने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए जिला के पदाधिकारी सक्षम हैं और वही एंबुलेंस उपलब्ध करवा सकते हैं. फिर मृतक के परिजनों ने भागलपुर के सिविल सर्जन से संपर्क साधा और उन्हें पूरी बात बताते हुए एंबुलेंस देने की गुहार लगाई. सीएस ने भी तय नियम का हवाला देते एंबुलेंस देने में अक्षमता व्यक्त किया.
देर शाम तक परिजन थक हार गए थे. अंततः पूरे मामले की जानकारी नवगछिया विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष सह सम्पूर्ण वैश्य समाज बिहार प्रदेश के महामंत्री प्रवीण कुमार भगत और बाबा गणिनाथ सेवा समिति के अध्यक्ष सह सम्पूर्ण वैश्य समाज बिहार प्रदेश के उपाध्यक्ष पंकज कुमार भारती को मिली. दोनों ने मृतक के पुत्र संजीव कुमार भगत से संपर्क साधा और समस्या से अवगत हुए.मृतक के पुत्र संजीव कुमार ने शव को ले जाने हेतु एक गाड़ी उपलब्ध कराने की बात कहा । इसके बाद संजीव को प्रवीण भगत ने अपना निजी वाहन उपलब्ध करवाया. वाहन उपलब्ध होने के बाद अब नई समस्या खड़ी हो गयी. शव को कोई वाहन में उठा कर रखने को भी तैयार नहीं था. अंततः पास के ही एक व्यक्ति ने शव को वाहन में रखने में मदद की. फिर वाहन चलाते हुए संजीव आपने पिता का शव लेकर अकेले भागलपुर बरारी के विद्युत शवदाहगृह पहुंचा, फिर शव का दाह संस्कार किया गया.