नवगछिया प्रतिनिधि – देर शाम ढाबा बनाने के लिए अर्धनिर्मित भवन के पीछे अजय यादव का दाह संस्कार किया गया. यह वही अर्ध निर्मित भवन है जहां पर अजय यादव को गोली मारी गई थी. परिजनों ने अजय यादव का दाह संस्कार कर उसके अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए सुरक्षित रख लिया है. आमतौर पर नवगछिया और आसपास के इलाके में यह प्रथा प्रचलित है कि मरने के बाद मृतक की लाश को उसके परिजन गंगा घाट पर ले जाते हैं और गंगा घाट पर ही दाह संस्कार करते हैं, लेकिन अजय यादव के शव का दाह संस्कार गंगा से कोसों दूर किया गया.
भवानीपुर के बुद्धिजीवी और पुलिस महकमे के भी कुछ पदाधिकारी मृतक अजय यादव के परिजनों के इस तरह के कार्य से शशंकित हैं. लोगों को लग रहा है कि इस हत्या के बाद गांव में कहीं गुटीय हिंसा न शुरू हो जाय. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि दाह संस्कार के वक्त कुछ परिजन बदला लेने की बात भी कह रहे थे. दाह संस्कार के समय वरीय पुलिस पदाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बलों के साथ पुलिस पदाधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति थी.