बगैर ई पास के बिहार में घूमना और कोविड वार्ड में मनाही के बाद जबरन घुसना जाप नेता पप्पू यादव पर भारी पड़ा। डीएम पटना ने मजिस्ट्रेट से एफआईआर करा हिरासत में ले लिया। लॉक डाउन का उल्लंघन के मामले में आनन-फानन में पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। पप्पू यादव पूरे बिहार में घूम घूम कर कोरोना से पीड़ित लोगों की मदद कर रहे थे। हॉस्पिटल में घूम घूम कर व्यवस्थाओं को ठीक करने का प्रयास कर रहे थे।
लेकिन पप्पू की ये जन सेवा भाव बिहार सरकार की आंखों में वो खटक गई। साथ ही पप्पू ने डबल इंजन की सरकार पर भी हाथ डाल दिए। अर्थात राजीव प्रताप रूडी के क्षेत्र में जाकर एंबुलेंस पर छापा मार दिया। बात वहीं से बिगड़ गई और पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर कांग्रेस विधायक दल के नेता भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा जी का एक बयान आया है।
अजित शर्मा जी ने बताया यह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है। लॉक डाउन का उल्लंघन तो लाखों लोग कर रहे हैं। पप्पू यादव पर मुकदमा किया जा सकता है तो सरकारी अस्पताल की कुव्यवस्था पर भी संबंधित अधिकारी पर भी एफआईआर होना चाहिए। हॉस्पिटल में लोगों की जान जा रही है मां का गोद सुना हो रहा है। जनता या संवेदनशील नेता तो बोलेंगे ही। उसका यह मतलब नहीं कि आप गिरफ्तार करके जेल भेज दीजिएगा।
अंग्रेज के जमाने में भी इस तरह का तानाशाही नहीं होता था। पप्पू यादव को तुरंत छोड़ना चाहिए। उस पर मुकदमा चलाइए लेकिन जेल से बाहर कर दीजिए। अगर कोई अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाता है राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस मामले में कोई बोलता है तो उसको जेल भेज देना उचित नहीं है।