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  • पेइंग वार्ड में पाइप लाइन के ऑक्सीजन का फ्लो था कम
  • सिलेंडर वाला ऑक्सीजन कोरोना संक्रमित को मिला नहीं

भागलपुर – भागलपुर के मायागंज अस्पताल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है इस बार कोरोना संक्रमित महिला की ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से मौत हो गई है।

दरअसल ऑक्सीजन पाइप लाइन का फ्लो कम था और पेइंग वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला को सरकारी ऑक्सीजन सिलेंडर मिला नहीं। कंट्रोल रूम के सामने महिला के बेटे बेटी ऑक्सीजन 12 सिलेंडर देने के लिए कर्मचारी से गिड़गिड़ाते रहे। कर्मचारी का दिल पसीजा नहीं और कोरोना संक्रमित महिला ने ऑक्सीजन के अभाव में बुधवार की शाम करीब 6:15 बजे दम तोड़ दिया।

इस दौरान अपनी मांगों को लेकर मायागंज अस्पताल के सभी हेल्थ मैनेजर आइसोलेशन में थे और उधर कंट्रोल रूम के कर्मचारी ने संवेदना नहीं दिखाई। भागलपुर के पिपरा गांव निवासी 65 वर्षीय कोयना संक्रमित महिला को 2 मई को इमरजेंसी कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। महिला के बेटे ने बताया कि इमरजेंसी में ऑक्सीजन की दिक्कत हुई तो उन्हें 4 मई को हड्डी के कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहां पर भी ऑक्सीजन फ्लो कम हुआ तो परिजनों ने उन्हें 7 मई को पेइंग वार्ड के बेड नंबर 26 में भर्ती कराया।

यहां भी पाइप लाइन से मिल रहा ऑक्सीजन का फ्लो कम तो वॉल्व खराब निकला । इस कारण हुआ ऑक्सीजन ठीक से इन्हेल नहीं कर पा रही थी। यही कारण था कि ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल (एसपी ओटू ) 65 से 40 पतिशत हो गया। इस दौरान परिजनों को हॉस्पिटल के एक कर्मचारी को वॉल्व ठीक कराने के नाम पर उसे 300 रुपये देने पड़े ।

बावजूद ऑक्सीजन का फ्लो ठीक नहीं हुआ। इसके बाद नौ मई को बेड नंबर 25 खाली हुआ तो दोनों पाइप लगाकर बुजुर्ग को ऑक्सीजन दिया जाने लगा। तो उनकी स्थिति में सुधार होने लगा। 10 मई को कंट्रोल रूम से करीब दर्जन भर लोग आए और महिला को मिला ऑक्सीजन भरा सिलेंडर लेकर चले गए। जबकि अस्पताल में ऑक्सीजन के पर्याप्त सिलेंडर थे।

अधीक्षक मायागंज अस्पताल भागलपुर डॉक्टर असीम कुमार दास ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है अगर परिजनों ने लिखित शिकायत की तो शिनाख्त पेट के जरिए दोषी कर्मचारी की पहचान कराई जाएगी जो भी दोषी मिला उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

₹30000 में बाहर से मंगाना पड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर

सरकारी सिलेंडर छीन लिया गया तो परिजनों ने निजी स्तर पर बाहर से ₹30000 खर्च ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की। निजी सिलेंडर से ऑक्सीजन खत्म हुआ तो बुधवार कि सुबह में कंट्रोल रूम में ऑक्सीजन से जुड़े कर्मचारी ने ऑक्सीजन युक्त सिलेंडर दिया, लेकिन जब उसे लगाया गया तो 10 मिनट में ही सिलेंडर से ऑक्सीजन खत्म हो गया।

फिर परिजनों ने अपना निजी सिलेंडर लगाया, लेकिन यह सिलेंडर बुधवार की शाम 6 बजे खत्म हो गया। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कंट्रोल रूम के सामने कोरोना संक्रमित बुजुर्गों का बेटा सिद्धार्थ व बेटी रूपा रोती गिड़गिड़ाती रही, लेकिन कर्मचारी ने ऑक्सीजन भरा सिलेंडर नहीं दिया। इससे पुराना संगीत महिला की बुधवार की शाम करीब 6:15 मौत हो गई।

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