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  • सूचना मिलते ही नारायणपुर चंडी स्थान पहुंचे इस्माइलपुर के थानाध्यक्ष ग्रामीणों को समझाया बुझाया और अल्टीमेटम देते हुए कहा शुक्रवार को जरूर दें राशन और अन्य सुविधाएं नहीं तो होगी कार्रवाई

नवगछिया – पांच दिन पहले छः कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद इस्माइलपुर प्रखंड के नारायणपुर चंडी स्थान के महादलित मोहल्ले के लोगों का ग्रामीणों ने राशन पानी बंद कर दिया है. पांच दिनों से राशन पानी बंद रहने से मोहल्ले के करीब एक सौ घरों में हाहाकार जैसी स्थिति है. चार से पांच घरों में 2 दिनों से चूल्हा नहीं जला है. महादलित मोहल्ले के सुबोध कुमार, ब्रजेश दास, गौतम दास, सोनू दास, बिकाश दास, सदानंद दास, अनिल दास, मंटू दास, दिलीप दास, गौरव दास, सकलदेव दास लोगों ने बताया कि जब भी वे लोग किराना दुकान पर रसद लेने जाते हैं तो उन्हें यह कह कर भाग दिया जाता है कि ये लोग कोरोना फैला रहा है.

आटा चक्की वाला गेहूं या चना से सत्तू भी पीसने के लिये तैयार नहीं होता है और अभद्रतापूर्ण बर्ताव कर भगा दिया जाता है. महादलित मोहल्ले के लोगों ने कहा कि यह कुछ सामंती मानसिकता वाले लोगों की साजिश है. ऐसे लोग आंधी ना जातिवाद नहीं कर पाते लेकिन कोरोना के बहाने जमकर जातिवाद कर रहे हैं. ग्रामीणों की सूचना पर इस्माइलपुर के थानाध्यक्ष प्रेम साह मौके पर पहुंचे और गांव के सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर समझाया बुझाया.

थानाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि दुकानदारों और ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों और पुलिस के स्तर से समझाया बुझाया गया है. समझाने बुझाने के बाद दुकानदार महादलित मुहल्ले के लोगों को भी रसद देने और अन्य सुविधा देने पर राजी हो गए हैं. थाना अध्यक्ष ने कहा कि संभवतः शुक्रवार से महादलित मोहल्ले के लोगों को भी रसद मिलने लगेगा. अगर शुक्रवार को भी रसद और अन्य सुविधा देने से इनकार किया गया तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अपने भोजन किए सामग्री को जुटाना हर किसी का संवैधानिक अधिकार है इसे किसी को हनन करने नहीं दिया जाएगा.

क्या है मामला

चंडी स्थान के महादलित मोहल्ले में पहले एक कोरोनावायरस ला सामने आया. जब स्वास्थ्य विभाग ने सघनता से जांच की तो 18 जुलाई को एक साथ 5 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कुल मिलाकर टोले में छः मरीज कोरोना के हो गए. मोहल्ले के सुबोध कुमार ने बताया कि पूरे मोहल्ले के लोगों ने सामाजिकता का हवाला देते हुए सभी संक्रमित लोगों को तत्कालिक रूप से जेएलएनएमसीएच मायागंज जाने के लिए बाध्य किया ताकि कोई दूसरा व्यक्ति संक्रमित नहीं हो. सुबोध ने कहा कि सभी संक्रमित मरीज भागलपुर मायागंज में इलाजरत रत हैं. छः संक्रमित मरीज मिलने के बाद भी टोले में कई लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया और रिपोर्ट नेगेटिव आया. इसके बाद भी उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है यह अन्याय नहीं तो क्या है?

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