राज्य के दस जिलों के 67 प्रखंडों की 435 पंचायतों के आठ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। प्रभावितों के लिए राहत और बचाव कार्य निरंतर चलाए जा रहे हैं। कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां पर अधिक पानी की वजह से फूड पैकेट्स पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। ऐसी जगहों पर हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट्स पहुंचाए जाएंगे। राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय से हेलीकॉप्टर की मांग की है। उम्मीद है कि शनिवार को वायुसेना का हेलीकॉप्टर बिहार पहुंच जाएगा। ं
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सभी प्रभावित इलाकों में तैनात है और आवश्यकतानुसार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है। विभिन्न जिलों में 192 सामुदायिक किचेन बनाए गए हैं, जहां से 81 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। 28 जगहों पर राहत शिविर भी लगाए गए हैं।
गंडक ने बनाया नया रिकार्ड, तीन जगह बांध टूटा
नेपाल ने गंडक नदी में चार लाख 36 हजार घनसेक पानी छोड़ा तो सारण और चम्परण तटबंध तीन जगह टूट गये। इसके अलावा कई जगहों पर पानी बांध के ऊपर से बहने लगा। हालांकि शुक्रवार को बाल्मीकीनगर बराज पर गंडक का डिस्चार्ज घटकर दो लाख 42 हजार घनसेक आ गया है। लिहाजा उम्मीद है कि दो दिन में पानी उतर जाएगा। इस बीच मोबाइल बंद रखने के कारण मोतिहारी के कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, विभाग के सचिव संजीव हंस और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को हवाई सर्वे का स्थिति की जानकारी ली। लौटने के बाद श्री झा ने बताया कि मौसम की खराबी के कारण हमलोग नीचे उतर नहीं पाये, लेकिन इतना जरूर दिखा कि गंडक ने इस बार नया रिकार्ड बनाया है। जान- माल की क्षति नहीं हुई है।
सात नदियां लाल निशान से ऊपर, पुनपुन उतरी
इस बीच विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार गंडक और कोसी नदी का डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है, लेकिन दूसरी सात प्रमुख नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। कल लाल निशान से ऊपर पहुंची पुनपुन अब नीचे उतर गई है। पटना के श्रीपालपुर लाल निशान से तीन सेमी नीचे बह रही है। गंगा भी लाल निशान से अभी बहुत नीचे है। बागमती नदी दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में सभी जगहों पर लाल निशान से ऊपर है। मुजफ्फरपुर में यह नदी लगभग सवा मीटर लाल निशान से ऊपर है।
बुढ़ी गंडक रोसरा रेल पुल के पास 1.25 मीटर तो समस्तीपुर रेल पुल के पास 64 सेमी लाल निशान से ऊपर है। कमला बलान भी झंझारपुर में बांध पर दबाव बनाये हुए है। वहां यह नदी लाल निशान से 1.10 मीटर ऊपर है तो जयनगर में 25 सेमी ऊपर है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 1.09 मीटर और अधवारा सीतामढ़ी में लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है। खीरोई नदी ने भी दरभंगा में आंखें लाल कर ली है। वहां यह नदी 1. 54 मीटर लाल निशान से ऊपर है। महानंदा पूर्णिया में 66 सेमी ऊपर है। घाघरा भी सीवान में अभी लाल निशान का 13 सेमी से ही क्रास की है।