अस्पताल प्रबंधक को हटाने की कर रहे मांग.
ढोलबज्जा: अनुमंडलीय अस्पताल नवगछिया के प्रबंधक राजू प्रधान से तंग आकर, अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बरुण कुमार द्वारा इस्तीफा देने की बात सुन कर कदवा इलाके के लोगों ने गहरी नाराजगी जताई है. ग्रामीणों प्रतापचंद केशरी, रमेश मंडल, राजा बाबू, युवा जदयू जिला अध्यक्ष नवीन कुमार निश्चल व प्रशांत कुमार कन्हैया के .
साथ अन्य समाजसेवी संगठनों ने बताया कि- नवगछिया अस्पताल में उपाधीक्षक डॉक्टर वरुण कुमार के द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद से काफी कम समय में उन्होंने रोगियों के हित में अच्छा काम किया है. कोरोना काल में भी बेहतर कार्य किया है. नवगछिया में डाॅ बरुण कुमार को जो भी टारगेट मिलता था, उससे बढ़कर काम करते हुए रोगियों की सुविधा के लिए निजी 4 लाख रुपए खर्च कर दिए. अस्पताल में डिजिटल एक्सरे व गार्ड के लिए बेड जैसे अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी भी किया.
जिस समय कोरोना की वायरस दूसरी लहर ने भयावह स्थिति पैदा कर दी थी उस समय उन्होंने सभी प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केंद्र को चालू कर, वहां बेहतर सुविधा देते हुए रोगियों के घर घर जाकर भी हाल-चाल जानता था. उनके सभी कार्य सराहनीय है. ऐसी स्थिति में रोगियों के सुविधा को देखते हुए अस्पताल में गुटबाजी होना काफी निंदनीय है.
ग्रामीणों परमानंद भगत, नागो महतो, सुरेश महतो व अच्छेलाल रजक के साथ दर्जनों लोगों ने डॉ वरुण कुमार के कार्यकाल की सराहना करते हुए अस्पताल प्रबंधक राजू प्रधान को हटाने की मांग डीएम व स्वास्थ्य मंत्री से कर रहे हैं.
क्या कहते हैं, ढोलबज्जा पंचायत के मुखिया.
अस्पताल प्रबंधक के रवैये को देखकर ढोलबज्जा पंचायत के मुखिया मुन्ना मंडल ने बताया कि- आजादी के समय से इलाके के अस्पताल की जो बदहाल स्थिति थी, उसमें काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. हम लोग डॉ बरुण कुमार के द्वारा किए गए कार्य की पक्ष में हैं.
हम लोग मुखिया संघ की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल नवगछिया एसडीओ, भागलपुर डीएम व सीएस से मिलकर नवगछिया अस्पताल के प्रबंधक को हटाने की मांग कर रहे हैं. मांग पूरी नहीं होने पर हमारी संघ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को बाध्य होंगे.
उधर कदवा दियारा पंचायत के मुखिया अशोक सिंह ने कहा डॉ वरुण कुमार ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए एक मशीहा का काम किया है. उन्होंने रोगियों के हित में जो कार्य किया है उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे स्थित में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बरुण कुमार को इस्तीफा देना आम रोगियों को मिल रहे स्वास्थ्य लाभ पर ग्रहण लग जाने के बराबर होंगे।