बाढ़ की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बताया गया कि अबतक 60 हजार बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में छह-छह हजार सहायता राशि भेज दी गई है। गुरुवार तक और 40 हजार तथा दस अगस्त तक सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में राशि भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान 10,000 लोगों के लिए सहरसा में मेगा रिलीफ कैप बनाया गया था, जिसकी सभी जगह प्रशंसा हुयी थी। जरूरत के अनुसार राहत शिविरों की संख्या बढ़ाते रहें।
समीक्षा बैठक में विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राहत और बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी दी। वहीं जिलाधिकारियों ने नदियों के जलस्तर की स्थिति, बाढ़ राहत शिविर, सामुदायिक किचेन, नावों की उपलब्धता, मेडिकल सुविधाएं, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था, पशुचारे की उपलब्धता, पशु कैंप की व्यवस्था, फसल क्षति का आकलन आदि के बारे में बताया।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने नदियों के जलस्तर की स्थिति तथा तटबंधों की सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी। इसके पूर्व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया कि सहायता वितरण के लिये अनुश्रवण समिति की बैठक होनी चाहिये ताकि लोगों का फीडबैक मिल सके। राहत कैम्पों में मुखिया के साथ-साथ अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी शामिल रखें। जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री लक्ष्मेश्वर राय भी वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान राहत शिविर में रह रगे लोगों ने बात की और अपना फीडबैक दिया।
- स्थान- बाढ़ राहत शिविर, असराहा, केवटी, जिला दरभंगा
मुख्यमंत्री- राहत शिविर में रह रही शकीला खातून से, शिविर में कैसा भोजन मिल रहा है और अभी आपको क्या परेशानी है?
शकीला खातून- राहत शिविर में कोई परेशानी नहीं है। दाल, भात, सब्जी, चोखा मिल रहा है। सब्जी बदल-बदलकर मिल रहा है। डीएम साहेब और सीओ भी आये थे। छह हजार रूपये और पॉलिथिन भी मिला है। घर-घर जाकर प्रशासन लोगों का हालचाल पूछ रहा है। डॉक्टर भी आकर देखकर गये हैं।
मुख्यमंत्री- चिंता मत कीजिए, सभी बाढ़ पीड़ितों का ख्याल रखा जाएगा।
2 स्थान- बाढ़ राहत शिविर, असराहा, केवटी, जिला दरभंगा
मुख्यमंत्री- बाढ़ राहत शिविर में रह रही मुन्नी बेगम से, क्या कठिनाई है?
मुन्नी बेगम- सर, बाढ़ के कारण घर से बेघर हुये हैं किंतु प्रशासन ने बड़ी सहायता की है। छह हजार रूपये खाते में मिल गये। पॉलिथिन शीट भी मिला। शिविर के किचेन में भोजन अच्छा बन रहा है। हमलोगों का ठीक से ध्यान रखा जा रहा है। एक गर्भवती महिला थी, दर्द से कराह रही थी। उसे प्रशासन ने अस्पताल भेजकर उसकी डिलेवरी करवायी।
मुख्यमंत्री- चिंता मत कीजिये, सरकार आपदा पीड़ितों की हर प्रकार से सहायता करेगी।
3 स्थान- बाढ़ राहत शिविर, पिपरा, अरेराज, पूर्वी चम्पारण
मुख्यमंत्री- बाढ़ राहत शिविर में रह रहे कन्हैया प्रसाद से- बाढ़ राहत शिविर की क्या स्थिति है।
कन्हैया- हमलोग बाढ़ से पूरी तरह ग्रसित हैं सर। पूरा फसल डूब गया है किंतु स्थानीय प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है। भोजन की अच्छी व्यवस्था है। प्रतिदिन मेन्यू बदलकर भोजन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री- नियम के अनुसार सभी प्रकार की सहायता करने का निर्देष अधिकारियों को दिया गया है।