नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी चुनाव कराने का उचित समय नहीं है। आखिर चुनाव कराने की इतनी जल्दबाजी क्या है? क्या राष्ट्रपति शासन का डर है? तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने तो जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। केन्द्र की रिपोर्ट से ही स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है। आशंका जताई कि अगले एक दो महीनों में कोरोना और भयावह रूप धारण करेगा। लोग परेशान हैं। ऐसे में चुनाव कराना सही नहीं होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने पार्टी कार्यालय में मंगलवार को आयोजित पीसी में कहा कि जनता त्रस्त है और सत्ताधरी दल रैलियां कर रहे हैं। दावा किया कि केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था फिसड्डी है। नीति आयोग ने कहा है कि 15 साल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हुई है।
तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में डाक्टर और मरीज का अनुपात देश में सबसे कम है। बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशिन और नर्सिंग स्टाफ के पद खाली हैं।
कहा कि यह बात मैं नहीं बोल रहा हूं, बल्कि केन्द्र सरकार की स्वीकारोक्ति है। लोगों से राजद को एक बार मौका देने की अपील की। दावा किया कि सारे पदों पर योग्य लोगों की बहाली होगी। बेरोजगारी दूर हो जाएगी। प्रेस कान्फ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और प्रधान महासचिव आलोक मेहता भी थे।