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लैव टैक्नीशियन के बिना गर्भवती महिलाओं को हो रही परेशानियों.

ढोलबज्जा: एक समय था जब अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढोलबज्जा में, रोगियों व स्वास्थ्य कर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं की दरकार रहती थी. जिसमें अब काफी हद तक सुधार होते दिख रहा है. लेकिन, वहां के स्वास्थ्य कर्मियों व समाजसेवियों की उदासीनता रवैये के कारण साधन रहते हुए भी रोगियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहे हैं.

ऐसा हीं कुछ दृश्य बुधवार को एपीएचसी ढोलबज्जा में प्रभात खबर के टीम को देखने के लिए मिला. जहां पहले ओपीडी व गर्भवती महिलाओं को किसी तरह प्रसव सेवा का हीं लाभ मिल पाता था. जब नवगछिया के पीएचसी प्रभारी पदाधिकारी डॉ बरुण कुमार को बनाया गया तो ढोलबज्जा अस्पताल में काफी हद तक परिवर्तन हुआ है.

जहां पहली बार सुचारू रूप से रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके, इसके लिए एक आयूष चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी, एक एमबीबीएस, दो एएनएम के साथ चार फोर ग्रेड के स्वास्थ्य कर्मियों की अलग-अलग रोस्टर बना कर सुबह आठ बजे से दो बजे एवं दो बजे से रात आठ बजे तक की तैनाती की गई है. वहीं डॉ बरुण कुमार के द्वारा करीब एक महीना पहले रोगियों की सुविधा के लिए स्ट्रेचर, टॉली, गर्भवती महिलाओं की प्रसव के लिए लिभर चेयर जैसे अन्य उपकरणों के साथ दवाईयां भी उपलब्ध कराई गई है.

लेकिन, वहां के स्वास्थ्य कर्मियों व समाजसेवियों की उदासीनता रवैये से सभी सामानें धूल फांक रही है. सामानों को बिना व्यवस्थित कर, लैब कक्ष में ठूंस कर अत्र तत्र रख दिया गया है. जिस पर धूल की परत जम गई है. इसे कोई देखने वाला नहीं है. ना हीं उसे चलाने वाला एक लैब टेक्नीशियन है. ज्ञात हो कि- ढोलबज्जा नवगछिया प्रखंड मुख्यालय से सुदूर सीमावर्ती इलाके में स्थित है. जहां भागलपुर, मधेपुरा व पूर्णिमा जिले के भी रोगियों स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचते हैं.

वहां सभी जांच सामग्रियों उपलब्ध होने के बावजूद एक लैब टेक्नीशियन नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानियों गर्भवती महिलाओं को होती है. एएनएम सोल्टी जायसवाल ने बतायी कि- ढोलबज्जा अस्पताल में 70 फीसदी महिलाओं की प्रसव रात्रि में हीं होती है. जिसके लिए ना तो एक एम्बुलेंस की व्यवस्था है ना हीं जांच के लिए लैब टेक्नीशियन.

उक्त बातों को लेकर एपीएचसी नवगछिया के प्रभारी पदाधिकारी डॉ बरुण कुमार ने बताया कि- मेरे तरफ से ढोलबज्जा व कदवा में रोगियों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी. धीरे-धीरे सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं. जहां स्वास्थ्य कर्मियों व समाजसेवी संगठनों के सहयोग की जरूरत है. ढोलबज्जा में भेजे गए जो सामान पड़ा हुआ है, उसे रोगी कल्याण मद की राशि से व्यवस्थित कराने की बात बुधवार को चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ बिरेंद्र कुमार को कहा गया है. वहीं जल्द से एक लैब टेक्नीशियन की मांग को लेकर लगातार तीन बार सीएस से मांग किया गया है.

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