रंगरा प्रखंड का एक भी ऐसा पंचायत नहीं बचा जो बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित नहीं हो। मदरौनी, कोसकीपुर सहोरा, जहांगीरपुर वैसी, सधुवा चापर, रंगरा, मुरली, तीनटंगा दियारा उत्तर एवं दक्षिण इन सभी पंचायतों के लगभग सभी गांव बाढ़ से पूरी तरह घिर गया है। जनजीवन पूरी तरह बेहाल है। लोगों के बीच त्राहिमाम मच गया है। वहीं दूसरी तरफ 4 पंचायतों की आबादी वाला तीनटंगा दियारा इलाका पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया है।
चारों तरफ से इन पंचायतों के दो दर्जन गांवों का संपर्क सड़क मार्ग ध्वस्त हो चूका हैं। 30 हजार की आबादी वाले तिनटंगा दियारा के लोगों को आवागमन का एकमात्र सहारा अब नाव हीं बचा है। सड़कें ध्वस्त हो जाने के बाद अब सभी घाटों में स्थानीय लोगों के द्वारा निजी नाव का परिचालन शुरू कर दिया गया है। निजी नाव का परिचालन होने के कारण लोगों से मनमाना भाड़ा वसूला जा रहा है।
तीनटंगा दियारा के दर्जनों लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द डुमरिया घाट पर सरकारी नाव की व्यवस्था किया जाए। ताकि लोगों को आवागमन में सुविधा हो सके और किसी भी प्रकार का दुर्घटना घटित नहीं हो। निजी नाव होने के कारण नाविक ज्यादा रुपया कमाने के लिए मनमाने पूर्ण तरीके से ओवरलोड सवारी लोड कर रहे हैं। जिससे किसी अनहोनी का डर बना रहता है।
वहीं दूसरी तरफ कटरिया तीनटंगा पीडब्ल्यूडी सड़क मार्ग पर कई जगहों से होकर बाढ़ का पानी बहाने लगा है। जिसकी धारा बहुत ही तीव्र हो गई है। लिहाजा इन सड़कों पर लोगों को चलने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लोग इन पानी से अपनी जान हथेली पर लेकर गुजरते हैं। हालांकि बीते गुरुवार से बाढ़ के पानी में ठहराव आ चुका है।
परंतु इन सड़कों पर पानी का दबाव अब भी बढ़ता ही जा रहा है। इसे बचाने के लिए पथ निर्माण विभाग के द्वारा बचाव कार्य के रूप में सड़क के किनारे मिट्टी भरी बोरी डालने का काम किया गया था। जिससे अब तक सड़क बची हुई है।