तीनटंगा दियारा में बीते 1 सप्ताह से हो रहे भीषण कटाव से दक्षिणी पंचायत के आधे दर्जन गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक में चाय टोला और ज्ञानी दास टोला के दर्जनों बासा और घर कटाव का भेंट चढ़ चुका है। जबकि सैकड़ों घर कटाव के मुहाने पर आ चुका है। जिसे देख ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। इसके अलावा लोगों की अपनी उपजाऊ जमीन भी लगातार ही कटती जा रही है।
कटाव की भयावहता को देखते हुए देव शरण दास, मणिकांत दास, ओम प्रकाश दास, ओपी मंडल, गंगा मंडल, योगिनी मंडल, मुकेश मंडल, रामदेव हरिजन, वकील हरिजन, मनोहर हरिजन, दिनेश हरिजन, जानू राजा, मिट्ठू मंडल के अलावे अब तक में इन गांव से 50 से अधिक परिवार अपना घर बार छोड़कर ट्रैक्टर पर सामान लादकर कहीं अन्यत्र जा चुका है।
जबकि सैकड़ों परिवार अब अपने गांव को छोड़ने की तैयारी में लगे हुए हैं। भाजपा नेता राजकुमार रजक, कन्हैया मंडल, पैक्स प्रतिनिधि विनोद मंडल सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि पीड़ित परिवार अपना घर बार छोड़कर जाते समय आंखों में आंसू लिए रोते बिलखते गांव छोड़ रहे हैं। शायद मन में यह बात लिए की अब तो घर और जमीन भी गंगा में समाने वाली है।
अगर सब कुछ गंगा मैया ले हीं लेगी तो फिर यहां लौट कर किस लिए आएंगे। पलायन करने वाले आधे से अधिक लोग गंगा के पूर्वी छोर पर अवस्थित बटेश्वर स्थान से सटे ओरिअफ गांव के आसपास अपना अस्थाई आशियाना बना रहे हैं।
हालांकि जल संसाधन विभाग के द्वारा कटाव को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। परंतु ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से कटाव हो रहा है उस हिसाब से कटाव निरोधी कार्य किसी काम का नहीं है। सिर्फ बांस डाल देने से कटाव नहीं रुक सकता है। जबकि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी प्रयास में लगे हुए हैं कि किसी तरह विभाग से काम करा कर हो रहे कटाव को रोका जा सके। बाहर हाल दियारा क्षेत्र में हो रहे कटाव वहां के लोगों के लिए किसी कयामत से कम नहीं है। ग्रामीण स्थानीय सांसद विधायक और जल संसाधन विभाग से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इनकी पहल हो ताकि कटाव से गांव बस सके।