नवगछिया में इस वर्ष की प्रलंयकारी बाढ ने बाढ पीडितों को समक्ष भुखमरी की समस्या खडी कर दी है पशुपालकों के समक्ष पशु चारे का भीषण संकट पैदा हो गया है। हालाँकि गंगा नदी के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है। परन्तु बाढ पीडितों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। भारी संख्या में बाढ पीडित परिवार प्लास्टिक शीट टाँग कर तटबंधों व सड़क पर रहने के विवश हैं।
इस वर्ष पीडितों के बीच सभी स्थानों पर समुचित रूप से सूखा राशन का भी वितरण नहीं हो पाया है।बाढ के दौरान संचालित सामुदायिक रसोई भी बंद कर दी गई है। जिस कारण बाढ पीडितों को सत्तू व चूडा खाकर समय काटना पड रहा है। पशु चारे का घोर अभाव बाढ के कारण उत्पन्न हो गया।समृद्ध किसान तो ऊँची कीमत पर पशुचारा खरीद कर अपने पशुओं को खिला रहे हैं।
परन्तु मेहनत मजदूरी करने वाले पशुपालकों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। पशु चारा उपलब्ध नहीं होने के कारण औने -पौने दाम में अपने दुधारू पशुओं को बेचने के मजबूर हैं। जो इस समय पशु चारे की कीमत 500 से ₹700 होना था वहां इस समय पशु चारे की कीमत 12 सौ से 1500 हो गया है .
जबकि अभी घर से पानी निकलने में काफी समय लगेगा कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा अपने घर से पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट भी लगा रहे हैं लेकिन पानी जैसे बाहर निकालता है उसी समय बारिश हो जाती है जिससे पानी निकालने का काम धरा का धरा ही रह जाता है।