रंगरा प्रखंड क्षेत्र के तीनटंगा दियारा पंचायत के ज्ञानी दास टोला में एक बार फिर कटाव के दस्तक से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। जल संसाधन विभाग के लाख कोशिशों के बावजूद भी कटाव को रोक पाना असंभव प्रतीत हो रहा है। लिहाजा कटाव की दस्तक से एक बार फिर हजारों की आबादी विस्थापित होने को मजबूर हैं। एक तरफ जहां कटाव दियारावासियों के लिए अभिशाप बन गया है, तो वहीं दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग के लिए यह एक आम बात हो गई है।
तीनटंगा दियारा उत्तर और दक्षिण पंचायत के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने अपनी जमीन और अपने गांव को बचाने के लिए बीते सोमवार को कटाव स्थल पर एकजुट होकर कटाव निरोधी कार्य में अपना सहयोग दें रहे है। हालांकि जल संसाधन विभाग अभी भी कटाव को रोकने के लिए प्रयासरत है। परंतु ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग लगातार कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं। जिसके कारण कि कटाव नहीं रुक पा रहा है।
बताते चलें कि तीनटंगा दियारा में लगभग 1 माह पूर्व से हो रहे कटाव के बीच एक बार फिर बीते रविवार से कटाव का रफ्तार काफी तीव्र हो गया है। बीते 24 घंटे में कटाव का दायरा इस कदर बढ़ता जा रहा है कि कटाव के मुहाने पर दर्जनों लोगों के पक्के के और खपरैल का मकान कटाव के जद में आ गए हैं।
पंचायत के भाजपा नेता राजकुमार रजक, कन्हैया मंडल, विकास मंडल आदि ने कहा कि अब हम लोगों को अपना अपना घर छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है। हमलोग मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जल संसाधन विभाग के वरीय पदाधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं।
मगर न तो जल संसाधन विभाग के द्वारा और न हीं स्थानीय प्रशासन के द्वारा कटाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया है। जल संसाधन विभाग के द्वारा सिर्फ बांस डालकर कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति कर करोड़ों रुपए की लूट मचा रखी है। पता नहीं रुकते देख हम लोग अपने स्तर से कटाव को रोकने के लिए प्रयास में लगे हुए है।