5
(1)

ढोलबज्जा: भगवती मंदिर ढोलबज्जा में, 70 साल से माता भगवती की पूजा कलश स्थापित कर की जाती है. ज्ञात हो कि- ग्रामीणों की मदद से मोहन भगत की जमीन पर इस मंदिर की निर्माण 1951 ईस्वी में विश्वनाथ भगत ने किया था. मंदिर के 15 सदस्यीय कमिटी सचिव युगेश कुमार के साथ अशोक जायसवाल व छोटू ठाकुर ने बताया कि- तीन जिले भागलपुर, मधेपुरा व पूर्णियां के सीमांत क्षेत्र ढोलबज्जा में स्थित इस मंदिर में माता की पूजा वैष्णवी रूप में होती है.

जो भी भक्त सच्चे मन से माता के दरबार में आकर आराधना कर के अपनी मन्नत मांगते हैं, उसे माता पूर्ण करती है. इस मंदिर में नवरात्र के दिन माता भगवती की सिर्फ कलश स्थापित कर पुजारी वासुदेव मंडल व बनारस के पंडित रवीश भगत के द्वारा वेदोच्चारण के साथ पूजा-पाठ की जाती है. जहां भगवती साक्षात अपने सातों बहन के साथ विराजमान है. यहां से कोई भक्त आज तक खाली हाथ नहीं लौटे. वहीं माता की सांध्या आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं शामिल होते हैं. प्रत्येक रात ग्रामीण मंडली द्वारा कीर्तन भजन का भी आयोजन किया जाता है.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: