नारायणपुर : प्रखंड के भवानीपुर ओपी क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर गांव में आर्थिक तंगी से परेशान होकर पैतालीस वर्षीय धनंजय सिंह के द्वारा घर के एक कमरे में शनिवार की देर रात्रि फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना शनिवार के देर रात्रि का है। जिसकी जानकारी धनंजय के परिवारवालों को रविवार की सुबह मिला। मिली जानकारी के अनुसार धनंजय सिंह देवघर में एक दुकान में रहकर मजदूरी का काम किया करता था। शारीरिक रूप से अक्ष्म होने पर वह पांच अक्टूबर को अपने घर भवानीपुर गाँव आया।
धनंजय का दो पुत्र अपनी माता के साथ ननिहाल में रह रहा है जिसे घटना के बारे।में सूचना दिया गया है। सूचना मिलने पर भवानीपुर ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार साह ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शव का नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल नवगछिया में पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को शव दे दिया गया।
घटना के बारे में कैसे जानकारी मिला: धनंजय सिंह के चाचा सच्चिदानंद सिंह ने रविवार की सुबह चाय पीने के लिए धनंजय को आवाज लगाया। चाचा के द्वारा आवाज लगाने पर धनंजय के द्वारा कोई जबाव नहीं दिया गया तो चाचा को शक हुआ।
चाचा सच्चिदानंद उसके कमरे के पास गया और खिड़की से कमरा झांकने लगा तो उसने देखा कि धनंजय एक कपड़े के सहारे छप्पर से लटका हुआ है।उसने शोर मचाया उसके परिवार वाले और आसपास के कई लोग जमा हो गए। दरवाजा खोलने के बाद उसका शरीर लहूलुहान था और शरीर पर कई जख्म थे। शव देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि उसने ब्लेड से शरीर को घायल किया है।इससे पहले उसने सुसाइड नोट लिखा होगा। भवानीपुर ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार साह ने सभी के सामने लटके हुए शव को उतारा और घटनास्थल से एक ब्लेड और धनंजय सिंह के द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया।
सुसाइड नोट में लिखा था कि उसके पिता रामजी सिंह की मौत के बाद पंजाब नेशनल बैंक नगरपारा में पिता का बैंक खाता है जिस पर करीब दस हजार रुपए निकालने के लिए आवश्यक कागजात की आवश्यकता थी। उस रुपये से वह ईलाज कराता। कागजात बनाने के लिए व अंचल कार्यालय नारायणपुर का चक्कर लगा रहा था। बैंक का भी चक्कर लगा रहा था। लेकिन रुपया नहीं निकल रहा था। उसे इलाज कराने और परिवार को चलाने के लिए रुपए की आवश्यकता थी। यदि कागजात बन जाता तो दस हजार निकल जाता। सुसाइड नोट को भी भवानीपुर पुलिस ने बरामद कर लिया है। धनंजय का अंतिम संस्कार भी नारायणपुर गंगा किनारे रविवार को किया गया।