बिहपुर :- भागलपुर जिले में जब कभी माता दुर्गा की चर्चा होती है तो भ्रमरपुर स्थित सिद्धपीठ मणिद्वीप दुर्गा मंदिर की चर्चा आवश्य होती है । इस माता के मंदिर के वैभव की चर्चा भागलपुर हीं नही पूरे बिहार में होती है । इस मंदिर के वैभव से जुड़ी किंवदंती कथाएँ जुड़ी हुई है जिनमें से एक यह है की किसी भी विषम परिस्थिति में यदि माता के मंदिर में सच्चे मन से पूजार्चना की जाए तो संकट समाप्त हो जाती है । नवरात्रा के समय में यहां तांत्रिक अपने मंत्रों के सिद्धी के लिये यहां आते हैं । वही मनोकामनाओं के लेकर लोग नवरात्रा में देवी की आशिष पाने के लिये फुलाईस करवाते है ।
इस मंदिर का इतिहास लगभग चार सौ वर्ष से अधीक पुराना माना जाता है । लगभग चार सौ वर्ष पहले जब बीरबन्ना के राजा बाहु बैरम सिंह के समय में महामारी फैली तो राजा के द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई । माना जाता है की पूजार्चना के बाद महामारी समाप्त हो गई । 1765 में इस मंदिर का स्थानांतरण किया गया एवं 1973 में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया ।
इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है की यहां तंत्र विधी से पूजा होती है और सालों भर लोग आते रहते रहते हैं ।
शारदीय नवरात्रा की एक विशेष मान्यता है जिसके कारण यहां नवरात्रा भारी संख्या में मनोकामना लिए श्रद्धालु आते हैं एवं पूजार्चना करते हैं । मनोकामनाओं के पूर्ण होने पर श्रद्धालु भारी संख्या में माता को भेंट चढाने आते हैं ।