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नवगछिया:
संसाद में जीव की स्थिरता के भागवत कथा का श्रवण करना आवश्यक हैं। यह बाते श्री मद भागवत कथा सत्पाह ज्ञान यज्ञ मदरौनी में कथा वाचक आचार्य प्रेम शंकर भारती ने कहा। उन्होंने भागवत कथा में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया। रंगरा चौक प्रखंड के मदरौनी गांव में श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का आयोजन सात अक्टूवर से 13 अक्टूवर तक किया जा रहा हैं।

कहा गया कि भगवान कृष्ण के प्रकाट्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कृष्ण का जन्म भद्र मास के अष्टमी तिथि को रात्रि के 12 बजे हुआ था। भगवान के जन्म लेते ही प्रकृतिक अनुकूल हो गई थी। श्रद्धा व निष्ठा से भगवान की पूजा होनी चाहिए। कृष्ण का प्रकाट्य भागवत कथा का प्राण भी कहा जाता हैं।

संसार में जीव की स्थिरता के लिए भागवत कथा का श्रवण करना इंसान के लिए आवश्यक हैं। कृष्ण जन्म के पूर्व राम जन्म की भी चर्चा की गई। मंच पूजन व दुर्गा शक्ति का पाठ पंडित गौतम ने किया। अशोक जी महराज, गुलशन, दिलीप के द्वारा भजन गाया गया। कार्यक्रम में सक्रिय योगदान अजीत कुमार मुन्ना व गांव के ग्रामीणों ने किया

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