खरीक में 2000 एकड़ से अधिक की केले की खेती हुई बर्बाद
खरीक :कोरोना की मार झेल रहे केला किसान की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. तेज हवा और मूसलाधार बारिश खरीक प्रखंड के केला किसानों को भारी नुकसान हुआ है.कई खेतों में 25 फ़ीसदी से 40 फीसदी फसल बर्बाद हो गए.
ऐसे ही कोरोना की मार झेल रहे केला उत्पादक किसानों को उसका वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है.350 रूपए प्रति खांनी की दर से बिकने वाले केले का खानी महज 70 रुपये में बिक रहा है.किसानों से व्यापारी अब औने पौने भाव में केले की खानी खरीद रहे है.केला खेती का लागत मूल्य भी नही निकल रहा है.केले की खरीद केलिए व्यापारी नही मिल रहा है.बड़ी मशक्कत से कई किसान अपने खेतों को खाली करने में लगे हुए हैं.किसानों को केला फसल उजाड़ने का भी खर्च निकलने की संभावना नहीं दिख रही है.
आत्महत्या को मजबूर है केला उत्पादक किसान
खरीक के केला उत्पादक किसान हताशा की स्थिति से जूझ रहे है.केला उत्पादक किसान रंजीत चौधरी,विलास राय,मुरलीधर यादव,गीता प्रसाद,प्रभास झा समेत कई किसानों का कहना है कि अगर केला उत्पादक किसानों को कोरोना महामारी और और प्राकृतिक आपदाओं से बचाना है तो सरकार केला उत्पादक किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें और उसे अमलीजामा पहनाने का काम करें.यदि ऐसा नहीं होता है तो केला उत्पादक किसान आत्महत्या करने को विवश होंगे.
साहूकारों से कर्ज लेकर हुई है केले की खेती
केला उत्पादक किसान साहूकारों से कर्ज लेकर उच्च ब्याज दर पर खेती किया है.ऐसे में यदि केले की खेती से आउटपुटआमदनी ठीक ढंग से नहीं मिली तो इनपुट भी निकलने की संभावना नहीं है. ऐसी स्थिति में केला उत्पादक किसान तबाह और लाचार है. केला उत्पादक किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी और कृषि मंत्री और बिहार सरकार को लिखित आवेदन देकर क्षतिपूर्ति की मांग की है.
किसानों का कहना है अगर हमें सरकार क्षति का मुआवजा नहीं देती तो हम लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी खरीक प्रखंड कृषि पदाधिकारी चितरंजन कुमार चौधरी ने बताया कि किसानों से सूचना मिली है. क्षति का आकलन कराया जाएगा और सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी.