गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। कटाव के नाम पर सात अरब से अधिक रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके हर वर्ष कई गांव इसकी चपेट में आ जा रहे हैं। कई गांवों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। जनप्रतिनिधियों के स्तर पर जो पहल होनी चाहिए, वह हो नहीं पा रही है।
गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से गोपालपुर, रंगरा चौक, इस्माइलपुर व नवगछिया प्रखंड जुड़े हैं। इस्माइलपुर प्रखंड छह महीने तक पूरी तरह बाढ़ से घिरा रहता है। इस दौरान यहां का काम नवगछिया से होता है। बाढ़ व कटाव से अभी तक आधा दर्जन से अधिक गांवों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। नवगछिया प्रखंड का पुनामा प्रतापनगर और मिल्की, रंगरा प्रखंड का सहौड़ा, इस्माइलपुर प्रखंड का कमलाकुंड आदि गांव गंगा व कोसी नदी का भेंट चढ़ गए हैं। मदरौनी, इस्माइलपुर पश्चिमी भिटठा, फलकिया, बुद्धुचक, बिंदटोली, तिनटंगा करारी आदि गांवों में तेजी से कटाव हो रहा है। कटाव से 40 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कटाव के नाम प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये बाढ़ से बचाव के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई फलाफल नहीं निकला है। जाह्नवी चौक से इस्माइलपुर तक बांध निर्माण की प्रक्रिया वर्षों से अटकी हुई है। इसको लेकर अभी भी सरकारी प्रक्रिया चल रही है। बांध का निर्माण कब शुरू होगा, यह कोई भी बताने के लिए तैयार नहीं है।
कटाव निरोधी सारे काम मेरे स्तर से हुआ
गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोपाल मंडल का कहना है कि क्षेत्र में जो भी कटाव निरोधी कार्य हुए हैं, वे सब उनके ही स्तर से हुए हैं। इस्माइलपुर से तिनटंगा विंदटोली तक कटाव निरोधी कार्य चल रहा है। तिनटंगा दियारा में गांव को बचाने के लिए फ्लड फाइटिंग का काम हो रहा है। बांध नहीं कटे, इसके लिए भी कई जगहों पर कटाव निरोधी कार्य हो रहे हैं। बांध निर्माण का कार्य चल रहा है।
काफी प्रयास के बाद मिली बांध की राशि
गोपालपुर विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के अनिल यादव का कहना है कि इस्माइलपुर से जाह्नवी चौक बांध का निर्माण होगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से संबंधित अधिकारियों से बात की थी। लगातार इसके लिए प्रयासरत रहे। फ्लड फाइटिंग के कार्य के लिए भी लगातार प्रयास करते रहे। जनता की आवाज संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों तक पहुंचाया।