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कृषि विधेयक बिल वापसी को लेकर राजद की ओर से जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी विश्वास झा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह किसानों की जीत है, देश की जीत है। यह पूंजीपतियों, उनके रखवालों, नीतीश-भाजपा सरकार और उनके अंहकार की हार है। विश्व के सबसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक किसान आंदोलन ने पूंजी परस्त सरकार को झुकने पर मजबूर किया। आंदोलनजीवियों ने दिखाया कि एकता में शक्ति है।

यह सबकी सामूहिक जीत है।’ उन्होंने कहा, ‘बिहार और देश में व्याप्त बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ राजद की जंग जारी रहेगी। भाजपाई उपचुनाव में हारे तो इन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही, लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं।

कृषि कानूनों का विरोध करने पर नीतीश-भाजपा सरकार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी केस किया था। उन्होंने कहा- विगत वर्ष 26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे। बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात किसान हित में राजद किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे। इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने गांधी मैदान में इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर नेता प्रतिपक्ष सहित राजद के अनेक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया। अंततः सत्य और किसानों की जीत हुई। वही मौके पर कई राजद नेता ने हर्ष व्यक्त किया है।

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