विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से भागलपुर आ रही गर्भवती महिला सोनी देवी ने ट्रेन में ही बच्चे को जन्म दिया। लेकिन बोगी में सवार लोगों ने महिला की कोई मदद नहीं की। जबकि महिला मदद की गुहार लगाती रही। लेकिन किसी के द्वारा मदद नहीं किए जाने के कारण नवजात की मौत जन्म के साथ ही ट्रेन में हो गई। सोनी देवी दिल्ली से विक्रमशिला ट्रेन के स्लीपर कोच के नौ नंबर कोच में सवार होकर दिल्ली से अपने घर भागलपुर के मसुदनपुर के गोविंदपुर भतोरिया के लिए निकली थी।
लेकिन क्यूल जंक्शन के पास उसे दर्द शुरू हो गया और वह दर्द से कराह रही थी और आसपास के लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी। लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की और उसने ट्रेन के बोगी में ही नवजात को जन्म दे दिया। लेकिन किसी की मदद नहीं मिलने के कारण नवजात की मौत ट्रेन में ही हो गई। वही ट्रेन के भागलपुर पहुंचने पर रेलवे के डॉक्टर ने उसकी जांच की और उसे स्वास्थ्य बताकर घर भेज दिया।
वही इस मामले पर डॉक्टर का कहना है कि महिला को क्यूल जंक्शन और जमालपुर जंक्शन में रेलवे के डॉक्टरों के द्वारा देखा गया था। लेकिन महिला का आरोप है कि ट्रेन में कोई भी रेलवे का कर्मी घंटों दर्द से परेशान रहने के बावजूद नहीं आया और ना ही आम लोगों ने मदद की। एक तरफ रेलवे ट्रेन में सवार यात्रियों के सुविधा की बात करती है। लेकिन सोनी देवी को ना तो रेलवे की सहायता मिल पाई और ना ही आम लोगों ने कोई सहायता की।