मां की आंखे बार बार दरवाजे को निहार रही हैं कि अब बड़ा बेटा आ जायेगा। एहसान की मां घटना के बाद से बदहवास सी हैं। वह बार बार दरवाजे को निहार रही हैं कि उसका बेटा आ जायेगा। मां तहमिदा खातुन को विश्वास ही नहीं हो रहा हैं कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं हैं। घर आने जाने वाले हर व्यक्ति से वह पूछती हैं कि एहसान कब आयेगा। पत्नी हुस्न बानो घटना के बाद से बार बार बेहोश हो जाती हैं।
पानी का छिटा चेहरे में मार कर उसे होश में लाया जाता हैं। होश में आते ही दहाड़े मार मार कर रोने लगती हैं। ऐहसान चार भाइयों में सबसे बड़ा था। उसके कांधे पर घर की पूरी जिम्मेदारी थी। गोशाला रोड पर भाई के साथ मिलकर मुर्गा फार्म चलाता था। पुत्री मिदहत, मिन्नत, पुत्र जिशान, अनमोल, तलहत हैं। अपनी मां व अन्य महिलाओं को रोता देख बच्चे भी रोने लगते हैं। —