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भागलपुर : अब कोरोना मरीजों के इलाज में जरा सा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चिकित्सकों की मनमानी नहीं चलेगी। जेएलएनएमसीएच में कोरोना मरीजों की लगातार हो रही मौत पर जिलाधिकारी काफी सख्त हो गए हैं। जिलाधिकारी मरीजों की हो रही मौत का पूरा ब्योरा मांगा है। जल्द से जल्द सभी का डेथ रिपोर्ट देने को कहा है। मरीजों की मौत कैसे हो रही है, कहां इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। सीनियर चिकित्सक हर दिन अस्पताल आते हैं या नहीं सभी बिंदुओं पर जवाब मांगा है। जिलाधिकारी ने बैठक में सिविल सर्जन, मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक और कोरोना मामले के नोडल पदाधिकारी से पूछा है कि आखिर किस कारण से कोरोना मरीजों की मौत हो रही है।

दरअसल,सूबे के तीसरे बड़े मेडिकल अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी है। चाहे कोरोना का कहर हो या भय अस्पताल में मरीजों को समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।अबतक 61 कोरोना मरीजों की मौत मायागंज की स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई बताने के लिए काफी है। जिस तरह लोग कोरोना से सहमे हैं, उसी तरह कोरोना के मरीज मायागंज में इलाज से डर रहे हैं। अभी भी यहां दो दर्जन से ज्यादा मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है। इसमें सभी की जान सांसत में है। इन्हें डर है कि कब क्या हो जाएगा? जान बचेगी या नहीं। अस्पताल की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी हुई नहीं है। कोरोना के कई मरीज ऑक्सीजन के लिए तरस रहे हैं तो कई भूख से। हर जगह लापरवाही ही दिख रही है। मरीजों को समय पर भोजन की बात तो दूर दवा भी टाइम टू टाइम नहीं मिल रहा है। चिकित्सक कब आएंगे किसी को मालूम नहीं। यहां के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज सोशल मीडिया से वहां की चिकित्सीय व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं।
इलाज करने से करते हैं आनाकानी

सरकार ने भयावह हालात होने के बाद संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा तो कर दी मगर पॉजिटिव पाए जाने के बाद मरीजों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने से अफरातफरी का माहौल है। कोरोना मरीजों की भर्ती में ज्यादातर अस्पताल आनाकानी कर रहे हैं। जेएलएनएमसीएच में भर्ती कोरोना मरीज और उनके स्वजन खुद को इलाज के लिए चिकित्सकों से आरजू मिन्नतें कर रहे हैं। यहां कोरोना मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है।

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