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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा मांगे गए सुझाव पर बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने अपनी ओर से जवाब पहले ही यानि 31 जुलाई को दे दिया है। पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए चुनाव कराना खतरे से खाली नहीं होगा।


उन्होंने आयोग से पूछा है कि वर्तमान माहौल में अगर चुनाव कराया गया और लोगों को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेवारी किस पर होगी? करोड़ों लोग अगर घर से निकल कर बूथों पर जाते हैं

और संक्रमित हो जाते हैं तो क्या आयोग उनके बीमा के बारे में विचार करेगा? उन्होंने भाजपा के 75 नेताओं के संक्रमित होने का भी जिक्र किया है और कहा है कि इसी कारण भाजपा के प्रदेश कार्यालय को सील कर दिया गया है। हाल के दिनों में कोरोना के चलते विभिन्न दलों के कई नेताओं की मृत्यु भी हुई है।


सिद्दीकी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को 13 बिंदुओं पर जवाब दिया है। उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौर में प्रचार को वर्चुअल तरीके या फिर डिजिटल कैंपेन के जरिए वोटरों से संपर्क किए जाने पर सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया है।

उन्होंने लिखा है कि प्रचार अगर परंपरागत तरीके से नहीं होते हैं तो संवाद का दायरा सीमित हो जाता है, जो लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं हो सकता है।

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