भागलपुर, गृह विभाग बिहार सरकार के आदेशानुसार जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिले में धारा 144 लागू कर दिया है उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सभी पार्क उद्यान 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक बंद रहेंगे, कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रमण के प्रसार के रोकथाम और नववर्ष की पूर्व संध्या पर प्रथम दिवस को होने वाले आयोजन को सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ के एकत्रित होने की संभावना के मद्देनजर निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया था लेकिन भागलपुर के स्थानीय सैंडिस कंपाउंड लाजपत पार्क में सैकड़ों की संख्या में लोग पार्क में मौजूद थे यहां तक की इसके लिए आठ दंडाधिकारी को भी नियुक्त किया गया था लेकिन कहीं भी कोई दंडाधिकारी नहीं दिखे ,आलम यह था कि लोग धड़ल्ले से पार्क आ जा रहे थे सैंडिस कंपाउंड के मुख्य द्वार पर जिन सिपाही की ड्यूटी थी मीडिया ने उनसे बात की तो उनका कहना हुआ कि यहां अभी तक कोई दंडाधिकारी नहीं आए हैं मैं ..
अकेले क्या करूं चारों ओर दीवाल टूटा हुआ है वहीं से लोग आना-जाना करते हैं, वही कुछ देर के लिए शेरनी दल की ओर से उद्यान व पार्क खाली कराने की कोशिश की गई, कई लड़के लड़कियों की टोली को भी खदेड़ कर भगाते दिखे ,कई जोड़े एक दूसरे ने लिपटे भी दिखे उसे भी भगाया गया, परंतु यह भी कुछ पल के लिए ही था, शैरीनी दल का यह प्रयास भी असफल रहा।
एक तरफ जिलाधिकारी धार्मिक स्थल व पार्क को बंद करने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसे लागू करने के लिए जिनकी प्रतिनियुक्ति की गई है वह नदारद है इसका जीता जागता नमूना स्थानीय भागलपुर का सैंडिस कंपाउंड लाजपत पार्क है, अब सवाल यह उठता है कि क्या यह धारा 144 लागू करना सिर्फ कागज तक ही सीमित रहेगा या जमीन पर भी उतर पाएगा।