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सांस्कृतिक समन्वय समिति,भागलपुर द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से “नववर्ष सांस्कृतिक मेला” का आयोजन किया गया। मेला का केंद्रीय विषय साझी संस्कृति साझी विरासत था । नवर सांस्कृतिक मेला की शुरुआत पीस सेंटर द्वारा प्रेम, सौहार्द और शांति पर केंद्रित बाल चित्र प्रतियोगिता से हुई । चित्र प्रतियोगिता के  सीनियर ग्रुप में रवि कुमार, रूद्र प्रिया और पीयूष ने वहीं जूनियर ग्रुप में अयान, अनन्या श्री और यशस्वी कश्यप ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया । जिससे वरिष्ठ समाजकर्मी एनुल होदा के हाथों पुरस्कृत किया गया संचालन करते हुए नव वर्ष सांस्कृतिक मेला के संयोजक राहुल ने कहा कि साझी संस्कृति  हमारे देश की ताकत है । हम इन्हीं  सांस्कृतिक मूल्यों की बदौलत दुनिया में  विशिष्ट स्थान रखते हैं । हमें इन मूल्यों की हर हाल में रक्षा करनी है । इस अवसर पर सांस्कृतिक समन्वय समिति के घटक सांस्कृतिक/सामाजिक संगठनों द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता, नाटक, गीत, चित्र प्रदर्शनी, पोस्टर प्रदर्शनी, कविता, मुशायरा का आयोजन हुआ। चैतन्य प्रकाश ने “काहे को ब्याहे बिदेश अरे लखि बाबुल मोरे” गीत द्वारा स्त्री पीड़ा को रखा। शायर एकराम हुसैन साद ने अपनी नज्म” हम बोलेंगे बोलेंगे बोलेंगे, सच्चाई का दामन ना छोड़ेंगे” से आम लोगों की आवाज की बात की ।

गौरव कुमार और कपिलदेव कृपाला ने नववर्ष पर कविता पाठ किया। आलय भगालपुर द्वारा प्रस्तुत नाटक” कौन है हम ” जिसका लेखन और निर्देशन डॉ कुमार चैतन्य प्रकाश ने किया । यह नाटक  मुख्य रूप से लोगों को लोकतंत्र की शक्तियों के बारे में बताने पर केंद्रित है । यह लोगों के अधिकार तथा कर्तव्यों को बताता है, हमे जागरूक नागरिक बनने के साथ -साथ सवाल करना भी सिखाता है । इसमें मौजूद पात्र आदित्य आनंदम ,विकास चंद्रा, विक्रम, मोहन ,आलोक ,कुमार गौरव, मिथिलेश कुमार। परिधि द्वारा श्री उदय द्वारा रचित और राहुल द्वारा निर्देशित नाटक “उजाड़” की प्रस्तुति द्वारा गाँव और किसानी की समस्या को उठाया । नाटक  में गांव से पारंपरिक खेती और पारंपरिक रोजगार का उजाड़ना, इसके कारण बेरोजगारी, रोजगार के लिए पलायन,भागम भाग और फिर कोरोना संकट को अलग-अलग खंडों में गीत के माध्यम से पिरोया गया था। जिसे लाडली राज, दीप प्रिया, कोमल, अमन, दीपा, मुस्कान ने अपने अभिनय से जीवंत बना दिया। गीत और संगीत संयोजन बिनय कुमार भारती का था। एकता नाट्य मंच के राजेश कुमार झा ने एकल नाटक “पहचान” की प्रस्तुति की।
प्रज्ञा पब्लिक स्कूल, टिनटंगा द्वारा पेड़ बचाने पर केंद्रित नाटक ”  सेव् द ट्री ”  के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा का संदेश दिया। शारदा श्रीवास्तव ने बेटियों की समस्याओं पर केंद्रित “बेटी की बलि” का  एकल मंचन  से जन्म से लेकर मृत्यु तक बेटी के साथ होने वाली हिंसा को उठाया।  बंग की सांस्कृतिक झलक भागलपुर बंगाली समाज द्वारा चंदन कुमार रॉय के निर्देशन में रविंद्र संगीत और आवृत्ति की प्रस्तुति द्वारा की गई। मॉडर्न म्यूजिक सेंटर के सूरज द्वारा मातृ शक्ति गीत गए गए। वहीं रविंद्र संगीत में कुमारी शांति ने “आमरो पोराने जहाँ चाय” आयुष राज ने पागोल हवा बादल दिने” गया। अर्पित ने नजरुल संगीत” अरुण कांति के गो” की प्रस्तुति की । निरुपम कांति पॉल ने रविंद्र नाथ टैगोर की कविता का “सहज पाठ” किया । भरतनाट्यम की शिक्षिका नीना प्रसाद के निर्देशन में खूबसूरत समूह नृत्य की प्रस्तुति हुई जिसमें अविका अरजमा अत्रि,सृष्टि रंजन, आद्या, काव्या और नाव्या ने अपनी भाव भंगिमा उसे सबका मन मोह लिया। वहीं दूसरी ओर नव वर्ष सांस्कृतिक मेला में कला केंद्र द्वारा उमेश प्रसाद और राजीव कुमार सिंह के पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई । उमेश प्रसाद के पेंटिंग में कोरोना काल में मजदूरों और किसानों की दयनीय स्थिति दिख रही थी वहीं राजीव के चित्रों में शांति प्रेम के लिए समानता की खोज प्रमुख विषय था। कार्यक्रम का समापन डॉक्टर हबीब मुर्शिद खान द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और सम्मिलित रूप से हम होंगे कामयाब गीत गाकर किया गया । इस अवसर पर वसीम रजा, शशि शंकर, सुधीर कुमार शर्मा, विभाष यादव, उमेश प्रसाद नंदकिशोर मालवीय, ललन, सैय्यद गौहर अली, चंदन कुमार रॉय, पूनम श्रीवास्तव सुभाष देव, विक्रम राज, अभिषेक अर्णव, गोबिंद आर्य आदि मौजूद थे।

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