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भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती मरीज की परेशानी न तो अस्पताल प्रबंधन सुन रहा था न ही प्रशासन। ऐसे में लाचार होकर मरीज प्रदीप कुमार ने पीएमओ में ऑनलाइन आवेदन देकर अपनी परेशानी और व्यथा की जानकारी दी। मरीज ने ऑनलाइन आवेदन में कहा कि प्रधानमंत्री जी मानसिक रोगी संभवत: कोरोना पॉजिटिव है। वह बराबर मेरे बेड पर शौच करता और थूक फेंकता है, इससे परेशानी हो रही है। इसे नहीं हटाया गया तो यहां हम मर जाएंगे।

आवेदन में मरने की बात लिखे जाने के बाद तुरंत एक्शन लिया गया। एक घंटे के अंदर पीएमओ ने एक्शन लिया। पुलिस प्रशासन और अस्पताल प्रशासन को तलब किया। पीएमओ से फोन के बाद सभी अधिकारी राइट टाइम हो गए और भागे-भागे मरीज के पास पहुंचे। जिन समस्याओं का हल 48 घंटे में नहीं हुआ। लेकिन, एक दो घंटे में समाधान हो गया। पीएमओ की ओर से पूरी रिपोर्ट मांगी गई। अस्पताल की ओर से पूरी रिपोर्ट बुधवार की देर शाम भेज दी गई। दरअसल, इमरजेंसी के बेड संख्या एक पर पहले से एक मानसिक रोगी था। मंगलवार को प्रदीप कुमार अस्पताल इलाज कराने आए थे, इन्हें मानसिक रोगी के बगल में दो नंबर बेड दिया गया। मानसिक मरीज की हरकत से काफी परेशान थे।

मेल के बाद व्यवस्था अचानक सुधरी

इस शिकायत के बाद पीएमओ हाउस के सचिव अंबुज शर्मा ने अस्पताल प्रबंधन को मरीज की परेशानी को लेकर मेल किया और पूरी जांच रिपोर्ट मांगी। जांच में पाया गया कि बेड संख्या एक का मरीज मानसिक रोगी है। उसकी रिपोर्ट निगेटिव है। मानसिक रोग विभाग में मरीज को शिफ्ट किया गया। इधर, देर शाम अस्पताल प्रशासन ने जवाब भेजा। जिसमें कहा गया कि मरीज ने गलत शिकायत की है। भय पैदा करने वाली कोई बात नहीं है। शिकायत करने वाले मरीज का बेहतर तरीके से इलाज किया जा रहा है।

-इमरजेंसी में बेड संख्या दो पर इलाजरत मरीज ने पीएमओ में शिकायत की थी। पीएमओ ने रिपोर्ट मांगी गई थी, रिपोर्ट भेज दी गई है। मरीज का इलाज चल रहा है। वहीं, मानसिक रोगी को मानसिक विभाग में शिफ्ट किया गया है। -डॉ. एके भगत, अस्पताल अधीक्षक।

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