सोमवार को नारायणपुर में सांसद ज्ञानेश्वर यादव की पुण्यतिथि उनके आवास पर मनाई गई।
1920 के दशक में जन्म लिए श्री यादव नारायणपुर ग्राम प्रधान के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत किए थे। जनसंघ पार्टी को समर्पित जीवन के साथ 1967 में पहली बार बिहपुर विधानसभा से चुने गये। 1971 में कटिहार से कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम केसरी को शिकस्त देकर पहली बार लोकसभा पहुंचे एवं बिहार में जनसंघ पार्टी की नींव को मजबूत किया। कोशी-सीमांचल के स्थानीय समस्याओं से संसद को रुबरु कराया।
मानवीय जीवन की सरलता व उनके सिद्धांत ने उन्हें सभी वर्गों में लोकप्रिय बनाया।1977 में जनता पार्टी से खगड़िया लोकसभा से चुने गये। 1990 में भाजपा से गोपालपुर विधानसभा से चुने गये।पौत्र डॉ राजीव यादव ने कहा कि पिछड़ों के आवाज बुलंद करने उन्होंने सन 1991 में लालू सिद्धांत के साथ समझौता किया। कुछ जयचंदो की वजह से 1995 में उनके राजनीतिक जीवन का अंत हो गया। जीवन के अंतिम समय तक सामाजिक तौर पर सक्रिय रहें, परन्तु उन्होंने अपने सिद्धांत और स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया। उनके सिद्धांतवादी जमीनी राजनीति से दूर होता वर्तमान सियासत।