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नवगछिया में कोविड 19 के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है. नवगछिया के लगभग 50 कोरोना वरियर्स कोविड 19 से आक्रांत हैं. शहर में भी 15 से अधिक एक्टिव मामले सामने आए हैं, ऐसे में नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में 158 संदिग्धों की रिपोर्ट लंबित है. इसमें 50 लोगों का सैप्मलिंग शनिवार को किया गया है. 50 लोगों की सैप्मलिंग रविवार को किया गया है तो 58 लोगों की सैप्मलिंग मंगलवार को की गयी है. यानी सौ संदिग्धों की रिपोर्ट अब तक आ जाना चाहिये था. लेकिन तीन से चार दिनों से नवगछिया शहर सहित आसपास के संदिग्ध रिपोर्ट के इंतजार में मानसिक तनाव झेल रहे हैं. जानकारी मिली है कि शनिवार को लिये गए जांच सैम्पलिंग को पटना भेजा गया था और रविवार वाले जांच सैम्पल को जांच के लिये भागलपुर भेजा गया था. संदिग्ध लोग बार बार अस्पताल के लोगों को फोन कर रिपोर्ट जानने का प्रयास करते रहे और दिन भर परेशान रहे. देर रात तक अनुमंडल अस्पताल को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया गया था.

देर से रिपोर्ट आने पर अधिक लोगों के संक्रमित हो जाने का है खतरा

रिपोर्ट में देरी होने से संदिग्धों के संपर्क में आने से अधिक लोगों के संक्रमित हो जाने का खतरा है. जांच के लिये सैम्पलिंग देने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने शनिवार को ही सैम्पल दिया था. वे किसी के संपर्क में नहीं थे लेकिन दैनिक जीवन मे अधिक लोगों के संपर्क में आ जाने से उन्हें आशंका है कि कहीं उनको कोरोना तो नहीं हो गया. चार दिन सब काम धंधा छोड़कर घर मे कोरंटिन हैं।

घर में सोसल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पिछले दिनों कोरोना रोगियों के संपर्क में आये थे और उनका सैप्मलिंग जांच लिया गया है. ऐसे लोगों के पड़ोसियों का कहना है कि चार दिन से सभी संदिग्ध खुले आम मुहल्ले में घूम रहे हैं. अगर रिपोर्ट पोजटिव आता है तो फिर संपर्क में आने वाले लोगों की लंबी श्रृंखला होगी. इसलिये 24 घंटे में रिपोर्ट आने और संक्रमित लोगों को अस्पताल भेजने की वतवस्था सुनिश्चित करना चाहिये.

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