नवगछिया आरपीएफ इनस्पेक्टर मृणाल कुमार के नेतृत्व में आरपीएफ पुलिस व वन विभाग की टीम ने शुक्रवार की रात ट्रेन से एक हजार कछुआ के साथ कई तस्कर को गिरफ्तार किया हैं। टीम ने सप्ताहिक एक्सप्रेस 19305 अप आम्बेडकर नगर कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन में छापेमारी कर 42 बोरी व बेग से 935 कछुए को बरामद किया। पुलिस ने आठ तस्कर को गिरफ्तार किया। एक तस्कर के पूर्णिया का रहने वाला है। शेष सभी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। गिरफ्तार आरोपित पूर्णिया जिला के मीरगंगज डुमरिया निवासी गोनर कुमार, उत्तरप्रदेश के पकड़ी दयाल सुल्तानपुर निवासी अमर कुमार, शिवा कुमार, लिजा हैं। उत्तरप्रदेश के सहारनपुर निवासी शांति, कुसुमा, लच्छो, शिवा हैं।
आरपीएफ इंस्पेक्टर मृणाल कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम से उनलोगों को सूचना मिली की ट्रेन से कछुए का स्मागलिंग किया जा रहा है। इसके बाद वे लोग अलर्ट मोड में आ गए। रात 11 बजकर 23 मिनट पर आम्बेडकर नगर एक्सप्रेस ट्रेन नवगछिया स्टेशन पहुंची। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही सात जवानों की टीम के साथ आरपीएफ इस्पेक्टर ने छापेमारी की।एक एक कर सभी बोगियों में तलाशी शुरू की गई। कछुए स्लीपर से लेकर जनरल बोगी में रखे गए थे।
तस्करों ने बोरी में कछुए को अलग-अलग बोगी में छुपा कर रखा था। आरपीएफ ने एस-4, एस-5, एस-7, एस-9 से पहले कछुए को जब्त किया। इसके बाद पीछे की जनरल बोगी से दो बोरी में भरे कछुए जब्त किए। इस दौरान नवगछिया स्टेशन पर करीब 16 मिनट तक गाड़ी रुकी रही। इस मौके पर वन विभाग की टीम रेंजर ऑफिसर बीके सिंह उर्फ ब्रजकिशोर सिंह मौजूद थे।
बीके सिंह ने बताया कि यह कछुआ सुंदरी प्रजाति का है। इस कछुए का महत्व इंडिया के बाहर के देशों में बढ़ जाती है। भारत में इसकी बाजार कीमत 15 से 16 लाख रुपए हैं। जबकि इसका विदेशों में करोड़ों रूपये हैं। इसका उपयोग शारीरिक शक्ति बढ़ाने में होता है।।
बंगाल के रास्ते विदेश भेजने की थी तैयारी
पूछताछ के दौरान कछुए के तश्करी के एक बड़े अंतराष्ट्रीय गिरोह का खुलाशा हुआ।पकड़ाये तश्करो ने बताया कि इन कछुओं को बंगाल के रास्ते विदेश भेजने की तैयारी थी। वन विभाग ने जब्त कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 16 लाख रुपये बताई है।
सुंदरवन में है कछुआ पुर्नवास केंद्र :
भागलपूर के सुंदरवन में कछुआ पुनर्वास केंद्र है, यहां पर घायल कछुओंका इलाज भी किया जाता है। सभी बरामद कछुओं को भागलपुर स्थित सुंदरवन में रखा जाएगा। जिन्हें बाद में गंगा नदी में छोड़ दिया जाएगा। इसके साथ ही गिरफ्तार तस्करों के विरुद्ध भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कछुओं की काफी मांग है।