एक तरफ बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है इस बीच बिहार में बिहार विधानसभा चुनाव होना है इसको लेकर पक्ष विपक्ष दोनों की ओर से चुनाव बिगुल फूंक दिया गया है वही इस विषम परिस्थिति में चुनाव आयोग का बिहार में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है आपको बता दें कि चुनाव आयोग कोरोना संकट के बीच होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।
आयोग की चुनाव समिति ने कहा है कि राजनीतिक दलों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर प्रस्तावित दिशा-निर्देशों को तैयार किया जाएगा।
अधिकारियों ने लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा है, ताकि नोबेल कोरोना वायरस के प्रसार की जांच हो सके।
चुनाव आयोग ने पिछले महीने पार्टियों से इस बारे में विचार और सुझाव भेजने के लिए कहा था ताकि चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों या राजनीतिक दलों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों को फिर से तैयार किया जा सके।
राजद और माकपा जैसी पार्टियों को विधानसभा चुनावों में ऑनलाइन चुनाव प्रचार की अवधारणा का विरोध किया है।
इससे पहले भी, जुलाई में चुनाव आयोग को सौंपे गए एक ज्ञापन में नौ विपक्षी दलों ने बिहार में भाजपा द्वारा शुरू किए गए डिजिटल अभियान पर सवाल उठाया था।
उन्होंने सामान्य तरीके से चुनाव आयोजित कराने की मांग की। यह पूछे जाने पर कि क्या दिशा-निर्देश में डिजिटल और जमीनी अभियान का मिश्रण रखा जाएगा, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दस्तावेज तैयार करते समय सभी कारकों को ध्यान में रखा जाएगा।