बिहार कैबिनेट की आज शाम बैठक होने वाली है. जिसमें पिछले कई सालों से सेवा शर्त का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों की मांग पूरी हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त पर मुहर लग सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ दिन पहले इसके संकेत दिए थे.बताया जा रहा है कि सरकार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों की सेवा शर्त लागू कर शिक्षकों के जख्म पर मरहम लगाना चाहती है.
हालांकि शिक्षक एक तरह से सरकार से काफी निराश है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार और खुद मुख्यमंत्री की तरफ से कई बार सेवा शर्त को लेकर घोषणा की गई है. इसलिए जब तक सेवा शर्त लागू नहीं होती तब तक इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी
सेवा शर्त को लेकर शिक्षक संघ को काफी उम्मीदें
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय-समय पर शिक्षकों के लिए कई घोषणाएं की हैं.
विशेष रूप से सेवा शर्त को लेकर हम उनसे काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. इस मामले में पहले ही काफी देर हो चुकी है लेकिन उम्मीद है कि देर से आने वाला सेवा शर्त दुरुस्त आएगा और हमारी अधिकांश मांगे सरकार पूरी करेगी.
सीएम नीतीश ने खुद की घोषणा
बता दें कि 2015 में नीतीश कुमार ने एक हाई लेवल कमिटी बनाई थी. जिसे 3 महीने में शिक्षकों की सेवा शर्त लेकर रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन वो रिपोर्ट सरकार को नहीं मिली.
जिसके कारण इसमें लगातार देरी होती गई. इस बार 2 महीने पहले सरकार ने सेवा शर्त कमेटी का पुनर्गठन की और इसके बाद 15 अगस्त को नीतीश कुमार ने खुद शिक्षकों की सेवा शर्त लागू करने की घोषणा की.
सेवा शर्त में क्या होगा
ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा मिलेगी, महिलाओं को एक बार और पुरुषों को म्यूच्यूअल आधार पर ट्रांसफर का मौका मिल सकता है.
शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ सरकार दे सकती है. वहीं, मेडिकल और पितृत्व और मातृत्व लाभ भी मिल सकता है.
पुराने शिक्षकों की तरह अनुकंपा पर बहाली की सुविधा भी मिल सकती है.
नियमित आधार पर नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन का मौका मिल सकता है.