बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की जनता फिर काम करने का मौका देगी तो हर गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ेंगे। गांव को गांव से जोड़ते हुए एनएच, एसएच तथा प्रखंड तक आवागमन को और बेहतर बनाएंगे।
इसकी कार्ययोजना बनाने का निर्देश हमने दे दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को 1992 करोड़ से बने ग्रामीण पथों और पुलों का उद्घाटन करने और साथ ही 13200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और कार्य आरंभ करने बाद वर्चुअल सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत पूरे राज्य में कुल 59 हज़ार किलोमीटर सड़कें बननी है जिसमें करीब 39 हज़ार 781 हज़ार किलोमीटर सड़क व 447 पुल बन चुका है और 17 हज़ार किलोमीटर सड़क व 300 पुल बनने की प्रक्रिया में है। इस योजना में कुछ सड़कों की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है। कुछ सड़कों की प्रशासनिक स्वीकृति मिलनी बाकी है। वहीं कुछ सड़कों का टेंडर फाइनल हो गया है और कुछ का टेंडर फाइनल होने वाला है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए केबिनेट ने दी मंजूरी
बिहार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां ह्वेकिल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन से लैस होंगी। सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों (बस, कैब, टैक्सी) से सफर करने वाली महिलाओं या लड़कियों को किसी तरह के खतरे का आभास होने पर इमरजेंसी बटन दबाते ही कंट्रोल कमांड सेंटर में अलार्म बजेगा और तत्काल पुलिस मदद के लिए पहुंचेगी। निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना की स्वीकृति कैबिनेट से मिल गई है।
शुरुआती दौर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना से इस नई व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद अन्य शहरों में संचालित सार्वजनिक परिवहन के वाहनों (बस, टैक्सी) में लगाया जाएगा। पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए एनआईसी की मदद से परिवहन विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यह कंट्रोल रूम पुलिस मुख्यालय के कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा। किसी आपातकालीन स्थिति में वाहनों की ट्रैकिंग की जा सकेगी तथा त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।