आखिर खामोश क्यों है प्रशासन? क्या यही है नीतीश सरकार की शराब मुक्त,नशा मुक्त बिहार योजना
निभाष मोदी, भागलपुर।
भागलपुर में मौत का तांडव चरम सीमा पर है ।भागलपुर में लगातार लोगों की मौत हो रही है। बीते 10 दिनों की बात करें तो अब तक 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौत संदिग्ध अवस्था में हो चुकी है। आखिर इसके जिम्मेदार कौन हैं? क्यों प्रशासन मौन है? प्रशासन से पूछे जाने पर क्यों कुछ नहीं बताना चाहती? क्या इसमें भी प्रशासन की मिलीभगत है? बताते चलें कि जितनी भी मौतें हुई है सभी मौत का सिस्टम एक ही है। सूत्रों की माने तो आशंका जहरीली शराब की जताई जा रही है। लेकिन प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रही है ना ही स्वास्थ्य विभाग। कल देर रात तक साहिबगंज में कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है। आज तड़के सुबह शहर के साहिबगंज सुल्तानगंज सड़क को जामकर लोगों ने जमकर जमकर हंगामा किया।
बताया जा रहा है कि जहरीली शराब पीने से साहिबगंज के कुल 5 लोगों की मौत हुई है। जिसमें से संदीप यादव, मिथुन कुमार, निलेश कुमार शामिल है। वहीं छोटू साह मायागंज अस्पताल में भर्ती है, उसकी आंख की रोशनी चली गई है। प्रदर्शन कर रहे आसपास के लोगों का कहना है कि साहिबगंज में खुलेआम शराब बिक्री हो रही है। प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं करती है। गांव वालों ने प्रशासन को इसकी सूचना कई बार दिया उन्होंने इसपर ध्यान नही दिया जिसके कारण लोगों की मौत हुई है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने साहेबगंज के ही मुन्ना चौधरी व श्याम चौधरी पर शराब बेचने का आरोप लगाया है। लोगों ने कहा कि जिनकी मौत हुई है सब उसके यहां से शराब लेकर गए थे।
बता दें कि बीते 10 दिनों में भागलपुर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है। लेकिन प्रशासन ने एक की भी मौत की पुष्टि नहीं की।शुरुआती दौर में जिलाधिकारी ने 5 लोगों की मौत पर सामान्य मौत की बात करते हुए जहरीली शराब से मौत को खारिज कर दिया था। एसडीओ धनंजय कुमार ने भी मीडिया से बात करते हुए खुले शब्दों में कहा कि जब तक इसकी पुष्टि नहीं होती है तब तक हम कुछ नहीं कह सकते।