मधुरापुर का मृतक गोविंद साह मोतियों की माला बेच कर घर की जीविका चलाया करता था। लेकिन उसकी मौत से पत्नी डोली देवी के सामने परिवार के जीविका चलाने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई वह अपने पीछे पुत्री सृष्टि और पुत्र सत्यम को छोड़ गया। जबकि नारायणपुर का मृतक शिक्षक मनीषदेव कुमार बड़ा ही शांत और सरल स्वभाव का व्यक्ति था।
वह अपने पीछे पत्नी और एक मासूम बच्चा छोड़ गया। बलाहा का सिंटू उर्फ अनिकेत एक दुकान में काम करता था वह अपने पीछे पत्नी और चार पुत्री को छोड़ गया। यूपी का राजेंद्र सिंह पूरे परिवार के साथ यहां पानी पुरी बेचने का व्यवसाय करता था। लेकिन राजेन्द्र सिंह की मौत होने के बाद पूरा परिवार बलहा से यूपी चला गया ।