कर रहे वेद पुराण ,श्रीमद्भागवत गीता व रामचरितमानस का पाठ
निभाष मोदी, भागलपुर।
भागलपुर,विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोग बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़कर रखना चाहते हैं। अंग्रेजी के अलावा उनके बच्चे हिंदी और संस्कृत भी बोलें इसके लिए वह प्रयास कर रहे हैं ।इस सिलसिले में अमेरिका और आस्ट्रेलिया में रह रहे बच्चे भागलपुर के शिक्षक से संस्कृत व हिंदी सीख रहे हैं ।अमेरिका के कैलिफोर्निया के बच्चे भारतीय समय के अनुसार रात्रि साढ़े दस बजे से और ऑस्ट्रेलिया के बच्चे शाम पांच बजे से भागलपुर बरारी पश्चिम टोला के रहने वाले शिक्षक पुंडरीकाक्ष पाठक से ऑनलाइन हिंदी और संस्कृत सीख रहे हैं ।
मीडिया से बात करते हुए पुंडरीकाक्ष पाठक ने बताया कि अमेरिका कैलिफोर्निया शिकागो के बच्चे इबाना, एहाना, सानवी, सिया, रेया, तृषा एवम सनय संस्कृत और हिंदी सीख रहे हैं। सभी बच्चे 9 जून 2021 से मुझसे जुड़े हुए हैं। अभी तक सारे बच्चे गायत्री मंत्र , श्लोक के अलावे हिंदी और संस्कृत में बोलना बच्चे सीख गए हैं ।उन्होंने यह भी बताया
कि बच्चे सुबह उठकर अपने माता-पिता का चरण स्पर्श भी करना शुरू कर दिए हैं। विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की आस्था आज भी वेद, श्रीमद्भागवत गीता, रामचरित मानस जैसी भारतिय धरोहर की चीजों के प्रति बनी हुई है। यह काफी खुशी की बात है। विदेश के बच्चे अपने भारतवर्ष के बारे में जानने के प्रति काफी उत्सुक रहते हैं।