निभाष मोदी,भागलपुर।
भागलपुर,बालू से बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा बनाकर साकार किया जय भीम का नारा
ये वहीं सख्श हैं जिन्होंने भारतीय नववर्ष पर पांच लाख दीयों से राम के भव्य स्वरूप को साकार कर भागलपुर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराया था. अनिल तांती ने अपने सहयोगी कलाकारों के साथ आठ हजार वर्गफीट में रंग-बिरंगे दीये से श्री राम की आकृति उकेर नया इतिहास रच दिया था. एक बार फिर अनिल तांती ने संविधान निर्माता
to भीम राव अंबेडकर की जयंती को अपने सैंड आर्ट से साकार बना डाला है, अंग परंपरा के इस हरफन कलाकार का थीम इस बार जय श्री राम की जगह जय भीम है , जिसे लोग खूब सराह रहे हैं. अंग संस्कृति और धरोहरों को संजों कर रखने का सपना देखने वाले अनिल तांती लोक कला की अनदेखी से खासे व्यथित दिखते हैं. उनका मानना है अंग क्षेत्र प्रतिभमान कलाकारों की उर्वरक भूमि है, लेकिन
संरक्षण के अभाव में उनकी कला कुंद हो रही है. हमारी कामना है अनिल तांती ने बरारी के गंगा घाट में बाबा भीमराव अंबेडकर की जो आकृति उकेरी है इसे एक नया आयाम मिले. आइए उन्हीं की जुबानी सुनते हैं अंग के कलाकरों को लेकर उनका क्या सपने हैं.