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भागलपुर: टीएमबीयू में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को अप्रैल और मई के बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मानदेय भुगतान के पूर्व उनके ई-कंटेट के सत्यापन का निर्देश यूडीसीए प्रभारी को दिया है। इस बात का टीएमबीयू अतिथि शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध जताया है।

अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद का कहना है कि अंगीभूत कॉलेजों में तैनात ज्यादातर अतिथि शिक्षकों ने कॉलेजों की वेबसाइट पर ई-कंटेट उपलब्ध कराया है। इसके अलावा कइयों ने वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कक्षाएं ली है। इसी आधार पर प्राचार्य और विभागाध्यक्ष ने अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान का दावा प्रस्तुत किया है। उन्होंने प्राचार्य की रिपोर्ट को आधार मानकर ही भुगतान करने की मांग की है।

इस संबंध में यूडीसीए के प्रभारी का कहना है कि ई-कंटेट की गिनती की जा सकती है, लेकिन सत्यापन करने में परेशानी होगी। टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि अतिथि शिक्षकों द्वारा ली गई कक्षाओं की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेजी जाती है। इसमें उन्हीं का दावा भेजा जाता है, जो इसके हकदार हैं। कुलसचिव ने जारी किया है निर्देश

टीएमबीयू के कुलसचिव कर्नल अरूण कुमार सिंह ने वित्त समिति की बैठक का हवाला देते हुए निर्देश जारी किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अतिथि शिक्षकों के भुगतान पर वित्तीय समिति की बैठक में निर्णय लिए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्राप्त बची राशि से कम से कम किसी विषय के पांच प्रसंगों पर ऑनलाइन कक्षाओं के आधार पर करने की स्वीकृति कुछ शर्तो के साथ दी गई थी। इसमें संबंधित प्रधानाचार्य व पीजी हेड द्वारा संचालित कक्षाओं का उल्लेख करते हुए अतिथि व्याख्याताओं की रिपोर्ट देंगे। जिसका सत्यापन यीडीसीए के इंचार्ज करेंगे। इसके बाद उन्हें भुगतान किया जाएगा।

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