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निभाष मोदी, भागलपूर।

एभागलपूर बिहार में पुलिस अपराधियों को लगाम लगाने में नाकाम रहती हो, लेकिन शिकायतकर्ताओं को परेशान करने और उन्हें प्रताड़ित करने का कोई मौका नहीं गंवाती है। कम से कम भागलपुर पुलिस ने बीते सोमवार को जो किया है, उसके बाद यह कहने से कोई गुरेज नहीं होना चाहिए।
भागलपुर में लगातार अपराधियों का मनोबल सातवे आसमान पर है।

अपराधी लगातार अपराधिक घटनाओं को बेखौफ अंजाम दे रहे है। जबकि लगातार भागलपुर में पटना से आलाधिकारी का आवागमन लगातार देखने को मिल रहा है। वहीं एक मामला भागलपुर जिला के बाय पास टीओपी का है। जहां मां शक्ति फ्यूल सेंटर के कर्मचारी मनीष कुमार से दिन दहाड़े लगभग दिन के 11 बजे 5,31,000 रुपए का छिनतई किया गया था। वहीं घटना स्थल बायपास टीओपी से महज 50 मीटर की दूरी पर बताई जा रही है।
यहां से शुरू होती है पुलिस की मनमानी
लूट की घटना के बाद पेट्रोल पंप के मालिक मामले की जानकारी देने के लिए टीओपी जाते हैं। टीओपी थाना के द्वारा प्रारंभिक जांच में आवेदक मनीष कुमार को ही पूछ ताछ के लिए उठा लिया गया है। वहीं आवेदक के साथ पेट्रोल पंप मालिक नीरज कुमार को भी पूछताछ करने के लिए बुलाया गया था। वहीं नीरज कुमार के परिजन द्वारा बताया गया कि लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी गौरव कुमार के और टीओपी थाना के द्वारा थर्ड डिग्री टॉर्चर करके बयान को बदलवाया जा रहा है।


आवेदक को आरोपी बनाने की कोशिश
साथ ही साथ आवेदक को ही अभियुक्त करार दिया जा रहा है। वही उक्त पंप मालिक के परिजन को लगभग रात्रि के 12 बजकर 11 मिनट पर मिलने भी नही दिये जाने का आरोप लगाया गया है। वहीं परिजन रात भर सड़क के किनारे इधर उधर घूम कर अपना समय व्यतीत कर रहे थे।
जब पंप मालिक को इसकी सूचना मिली तो पंप मालिक टीओपी थाना पहुंचा था। वहीं परिजनों द्वारा बताया गयाकी पुलिस प्रशासन के द्वारा पंप मालिक के मोबाइल से ही परिजनों को पैसे की व्यवस्था करने को कहवाया जा रहा था। वहीं उसी पैसे को रिकवरी दिखा कर मामला को रफा दफा करने का आरोप लगाते हुए दिखे।

वही पुलिस प्रशासन के द्वारा रात्रि के तकरीबन 1बजकर 16 मिनट पर पुलिस के बजरा टीम को भी बायपास टी ओ पी थाना पर बुलाया गया था।
SSP ने कहा – लूट का झूठा मामला
मामले में जब जिले के एसएसपी बाबूराम से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने भी यह साफ कर दिया कि पुलिस जांच में लूट का मामला झूठा बताया गया है।
भागलपुर पुलिस ने यह पहली बार नहीं किया
यहां सवाल यह उठता है की क्या आवेदक ही अपना लूट कराकर क्या प्राथमिकी दर्ज कराने थाना जाएंगे।क्योंकि भागलपुर जिला में यह दूसरी घटना है जब आवेदक ही घटना को अंजाम देने का मामला सामने आया है। वहीं इसके पूर्व भी अलीगंज चौक के समीप विश्वनाथ साह सत्तू व्यापारी की पति के द्वारा सोची समझी साजिश का मामला दर्ज कराने की बात कही गई थी।

मंत्री ने भी कहा – प्रशासन करती है मनमानीं

वही हम आपको बता दे कं सरकार के ही मंत्री से लेकर विधायक तक के द्वारा ऑफिसर शाही की बात बताई गई है। मंगलवार को भागलपुर कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे उद्योग मंत्री शहनावज हुसैन के द्वारा भी 2009 में अफसरशाही होने की बात का खुलासा करते दिखे थे। अब सवाल यह उठता है की केंद्र से लेकर राज्य तक में भाजपा और जदयू की सरकार है। अब सरकार ही ऑफिसर के सामने नतमस्तक हो गई है। तो आम जनता का क्या होगा ।

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